प्रदर्शन की आड़ में हिंसा की साजिश! गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों के साथ की बैठक

गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने तीन कृषि कानूनों (Three Agricultural Laws) के खिलाफ जारी किसान के आंदोलन (Kisan Andolan) के संबंध में शुक्रवार को वरिष्ठ नेताओं, पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में शाह ने दिल्ली की सीमाओं (Delhi Borders) पर हिंसा की संभावनाओं पर ‘पहले ही रोक’ लगाने के तरीकों पर चर्चा की.

सूत्रों ने बताया कि किसान आंदोलन (Farmer Protest) में कई ऐसे समूह भी शामिल है, जिनका उद्देश्य प्रदर्शनकारियों के आंदोलन की आड़ में हिंसा को बढ़ावा देना, आंदोलन को लंबा करना और पुलिस को प्रतिक्रिया देने पर मजबूर करना है.

हिंसा को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे 10 असामाजिक समूह

ऐसे समूहों को किसानों के हितों से कोई लेना-देना नहीं है. ये केवल हिंसा को बढ़ावा देने के उद्देश्यों से किसान प्रदर्शनकारियों के आंदोलन में शामिल हो रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, खुफिया रिपोर्ट में प्रदर्शनकारी किसानों के बीच कम से कम 10 ऐसे समूहों की उपस्थिति का पता चला है, जो हिंसा को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं.

मालूम हो कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों (Farm Law) के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. आज आंदोलन का 17वां दिन है. किसानों ने शनिवार को देशभर के सभी टोल नाकों को टोल फ्री करने का ऐलान करते हुए वहां धरना देने की चेतावनी दी है. कई दौर की बातचीत के बाद भी इस मामले में कोई समाधान नहीं निकल सका है.

सरकार का किसानों को सख्त संदेश

किसान आंदोलन के मद्देनजर हरियाणा के फरीदाबाद के सभी पांच टोल प्लाजा पर करीब 3500 पुलिसकर्मियों को दंगा-रोधी उपकरणों के साथ तैनात किया गया है. बता दें कि किसान यह सब नए कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए कर रहे हैं, जिससे उनकी मांगों को जल्द से जल्द मान लिया जाए.

इस बीच आज सरकार ने भी किसानों को सख्त संदेश दिया है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि सरकार ने जो प्रस्ताव किसानों को दिया है, उसमें कुछ सुधार पर सरकार तभी आगे बढ़ेगी जब किसान आंदोलन वापस ले लेंगे. उन्होंने कहा कि अगर किसान नहीं मानते हैं, तो सरकार के तीनों कानून इसी तरह लागू रहेंगे.

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