Kisan Andolan: गृह मंत्री शाह ने कहा, कोई भी दुष्प्रचार भारत की एकता को चोट नहीं पहुंचा सकता
बीते कुछ घंटों में कुछ इंटरनेशनल सिलेब्रिटीज द्वारा भारत में जारी किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किए गए हैं। इनमें पॉप स्टार रेहाना से लेकर ऐक्टिविस्ट ग्रेटा थुनबर्ग तक शामिल हैं।
नई दिल्ली: बीते कुछ घंटों में कुछ इंटरनेशनल सिलेब्रिटीज द्वारा भारत में जारी किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किए गए हैं। इनमें पॉप स्टार रेहाना से लेकर ऐक्टिविस्ट ग्रेटा थुनबर्ग तक शामिल हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसान आंदोलन की आड़ में भारत विरोधी प्रॉपेगैंडा फैलाने के लिए कैंपेन चलाने वाले इन सिलेब्रिटीज पर निशाना साधा है। शाह ने भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान को ट्वीट करते हुए लिखा है कि कोई भी प्रॉपेगैंडा हमारी एकता को नहीं डिगा सकता है। बता दें कि मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और फिल्म स्टार सुनील शेट्टी ने भी विदेश मंत्रालय के बयान को ट्वीट किया है।
शाह ने कहा, भारत एकजुट होकर खड़ा है
विदेश मंत्रालय के बयान को ट्वीट करते हुए शाह ने लिखा कि कोई भी प्रॉपेगैंडा भारत की एकता को नहीं तोड़ सकता। उन्होंने लिखा कि कोई भी प्रॉपेगैंडा भारत को नई ऊंचाइयां छूने से नहीं रोक सकता। शाह ने लिखा, ‘भारत का भाग्य प्रॉपेगैंडा से नहीं केवल तरक्की से होगा। भारत एकजुट होकर खड़ा है और साथ मिलकर तरक्की कर रहा है।’ पॉप स्टार रिहाना के साथ जे शॉन, ऐक्टिविस्ट ग्रेटा थुनबर्ग, डॉ ज्यूस और वयस्क फिल्मों में काम कर चुकी पूर्व अभिनेत्री मिया खलीफा समेत कई अंतरराष्ट्रीय हस्तियों ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किया था।
विदेश मंत्रालय ने दी तीखी प्रतिक्रिया
इन विदेशी स्टार्स द्वारा फैलाए जा रहे प्रॉपेगैंडा पर विदेश मंत्रालय ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बुधवार को कहा कि कृषि सुधारों के बारे में देश के किसानों के एक बहुत ही छोटे वर्ग को कुछ आपत्तियां हैं और विरोध प्रदर्शन के बारे में टिप्पणी करने की जल्दबाजी से पहले तथ्यों की जांच-परख की जानी चाहिए। बयान में कहा गया, ‘खास तौर पर मशहूर हस्तियों एवं अन्य द्वारा सोशल मीडिया पर हैशटैग और टिप्पणियों को सनसनीखेज बनाने की ललक न तो सही है और न ही जिम्मेदाराना होती है।’ मंत्रालय ने यह भी कहा कि संसद ने कृषि क्षेत्र से जुड़े सुधारवादी विधेयक पारित किये हैं। इसमें कहा गया है कि कुछ निहित स्वार्थी समूहों ने भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने का प्रयास किया।