up panchayat chunav 2021 को लेकर आरक्षण प्रक्रिया पर योगी सरकार की मुहर

यूपी में मार्च में पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी होने का रास्ता साफ हो गया है. योगी कैबिनेट ने पंचायतों के आरक्षण की नियमावली पर मुहर लगा दी है. जल्द ही शासनादेश जारी हो जाएगा.

लखनऊ: यूपी में मार्च में पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी होने का रास्ता साफ हो गया है. योगी कैबिनेट ने पंचायतों के आरक्षण की नियमावली पर मुहर लगा दी है. जल्द ही शासनादेश जारी हो जाएगा. शासनादेश जारी होने के बाद जिलों में इसके मुताबिक पदों पर आरक्षण तय करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

उत्तर प्रदेश में आगामी पंचायत चुनाव की बढ़ती हलचलों के बीच पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह ने चुनाव को लेकर कई बातें साफ की हैं. उन्होंने बताया कि पंचायत चुनाव को हाई कोर्ट के कार्यक्रम के मुताबिक ही कराया जाएगा. इसको लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है. उन्होंने यह जानकारी पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी.

इसी सप्ताह आएगी आरक्षण नीति
पंचायती राज मंत्री ने भूपेंद्र सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देशों के मुताबिक ही चुनाव संपन्न कराए जाएंगे. आरक्षण नीति इस सप्ताह जारी होने के बाद आरक्षित पंचायतों की सूची तैयार हो जाएगी. उन्होंने बताया कि परिसीमन के बाद ग्राम पंचायतों की संख्या 59074 से घटकर 58194 रह गई हैं. इसके अलावा 75 जिला पंचायतों में 3051 वार्ड सदस्य चुने जाएंगे.

प्रत्येक ब्लॉक में एससी-एसटी पिछड़े और सामान्य वर्ग की आबादी अंकित करते हुए ग्राम पंचायतों की सूची वर्णमाला के क्रम में बनाई जाएगी. फॉर्मूले के अनुसार एससी-एसटी और पिछड़े वर्ग के लिए प्रधानों के आरक्षित पदों की संख्या उस ब्लॉक पर अलग-अलग पंचायतों में उस वर्ग की आबादी के अनुपात में घटते क्रम में होगी. 2015 में जो पंचायत एससी-एसटी के लिए आरक्षित थी उन्हें इस बार एससी-एसटी के लिए आरक्षित नहीं किया जाएगा. इसी तरह अगर 2015 में पंचायत का प्रधान पद ओबीसी के लिए आरक्षित था तो इस बार उसे दूसरे वर्ग के लिए आरक्षित किया जाएगा. जानकारों की मानें तो नए नगरीय निकायों के गठन या सीमा विस्तार का आरक्षण पर असर दिख सकता है.

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