Haridwar Kumbh 2021: जूना अखाड़ा ने तोड़ी जाति की बेड़ियां, 10 महामंडलेश्वर पदों पर काबिज होंगे अनुसूचित जाति के संत
श्री महंत हरि गिरी ने बताया कि 2021 कुंभ के लिए देशभर से करीब 1450 साधु-संतों (Saints) ने महामंडलेश्वर पद के लिए आवेदन किया है. समीक्षा और चर्चा के बाद 23 महामंडलेश्वर (Mahamandaleshwar) बनाए जाएंगे.
सामाजिक सद्भाव को देखते हुए हरिद्वार में चल रहे कुंभ (Kumbh) में अनुसूचित जाति के महामंडलेश्वर बनाए जाएंगे. ये फैसला जूना अखाड़ा ने लिया है. अखाड़ा दस अनुसूचित जाति (scheduled caste) के महामंडलेश्वर बनाने जा रही है. इस प्रथा की शुरुआत प्रयागराज में की गई थी. यह अब हरिद्वार कुंभ में भी जारी रहेगी. कुल 23 महामंडलेश्वरों (Mahamandleshwar) की नियुक्ति की जाएगी, जिनमें 10 अनुसूचित जाति के होंगे. अखाड़ा परिषद के महामंत्री और जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्री महंत हरि गिरी ने बताया कि अखाड़े ने अनुसूचित जाति समाज के संतों के लिए द्वार पूरी तरह से खोल दिए हैं.
महंत हरि गिरी (Hari Giri) ने कहा कि आमतौर पर इस तरह के पदों पर राजपूत या ब्राह्मण होते हैं, लेकिन आज के सामाजिक परिवेश को समझते हुए ये आम बात है. उन्होंने कहा कि आज की स्थिति को देखते हुए जूना अखाड़ा (Juna Akhada) ने इस तरह का फैसला लिया है. श्री महंत हरि गिरी ने बताया कि 2021 कुंभ के लिए देशभर से करीब 1450 साधु-संतों ने महामंडलेश्वर पद के लिए आवेदन किया है. आवेदन पर समीक्षा और चर्चा के बाद 23 महामंडलेश्वर बनाए जाएंगे, जिनमें से 10 अनुसूचित जाति के होंगे और साथ ही पांच महिलाएं (Five Women) महामंडलेश्वर भी होंगी.
जूना अखाड़ा ने तोड़ी जाति की बेड़ियां
सनातम धर्म के प्रचार के लिए इस तरह का फैसला लेकर जूना अखाड़ा ने एक मिसाल पेश की है. महंत हरि गिरि का कहना है कि सामाजिक संतुलन बनाए रखने के लिए हर वर्ग की भागीदारी जरूरी है. ये नियम अखाड़ों के लिए भी हैं. अखाड़ों में अक्सर पड़े पदों पर ऊंची जाति के संत ही होते हैं. लेकिन इस परंपरा को तोड़ते हुए अब अनुसूतित जाति के 10 संतों को महामंडलेश्वर बनाया जाएगा. पांच महिला संतों को भी महामंडलेश्वर बनाया जाएगा.
अखाड़े में सबसे ऊंचा पद आचार्य महामंडलेश्वर का है. यह पद फिलहाल स्वामी अधवेशानंद गिरि के पास है. देशभर में जूना अखाड़े के आठ सौ महामंडलेश्वर हैं. अखाड़े में 6 हजार श्रीमहंत और लाखों महंत हैं.