मध्य प्रदेश: विधानसभा में अब तक 3 विधायक पॉजिटिव, फिर भी अध्यक्ष क्यों नहीं कर रहे कोविड-19 टेस्ट को अनिवार्य
हम विधायकों के लिए जांच अनिवार्य नहीं करेंगे. कल को विवाद हो सकता है कि विधायक यह कह दें कि हमें सदन के भीतर नहीं जाने दिया जा रहा. यह हमारे विशेषाधिकार का हनन है. तो हम इस विवाद में नहीं पड़ना चाहते.
मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम को कोरोना संक्रमण से ज्यादा डर विधायकों के विशेषाधिकार हनन की शिकायत से लगता है. तभी तो विधानसभा अध्यक्ष ने 3 विधायकों के कोरोना संक्रमित होने के बाद भी कोविड-19 की जांच को सभी विधायकों के लिए अनिवार्य नहीं किया है. इस बात को लेकर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम का कहना है कि वो सिर्फ विधायकों से जांच कराने का आग्रह कर सकते हैं ,उसे अनिवार्य नहीं कर सकते क्योंकि ऐसा करने पर विधायक विशेषाधिकार हनन की शिकायत कर सकते हैं. और वो इस विवाद में नहीं पड़ना चाहते.
विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है और सत्र के दौरान अब तक तीन विधायक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. इसमें पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधो, निलय डागा और अब खंडवा विधायक देवेंद्र वर्मा शामिल हैं.
कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा ठीक से
गिरीश गौतम ने विधानसभा में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कहा कि विधानसभा में कोविड गाइडलाइन का लाइन का पालन ठीक से नहीं हो पा रहा है. विजयलक्ष्मी साधो मेरे सामने बैठी थीं विधायक रामबाई के साथ, लेकिन हम सिर्फ विधायकों से आग्रह कर सकते हैं जांच करवाने के लिए बाध्य नहीं कर सकते.
वहीं उन्होंने कहा कि अब विधानसभा में पूरी व्यवस्था के साथ ही सब अंदर प्रवेश कर सकेंगे. दर्शक दीर्घा पूरी तरह से बंद रहेगी. हम विधायकों के लिए जांच अनिवार्य नहीं करेंगे. कल को विवाद हो सकता है कि विधायक यह कह दें कि हमें सदन के भीतर नहीं जाने दिया जा रहा. यह हमारे विशेषाधिकार का हनन है. तो हम इस विवाद में नहीं पड़ना चाहते, इसीलिए विधायकों से आग्रह कर रहे हैं कि वह जांच करवा लें.