एटा में फर्जी मुठभेड़: खाने का बिल मांगने दिव्यांग ढाबा मालिक समेत 10 लोगों को फर्जी केस में फंसाया, इंस्पेक्टर समेत तीन पर केस दर्ज
खाने का बिल मांगने से भड़के पुलिसकर्मियों ने ढाबा मालिक समेत 11 लोगों को किया था गिरफ्तार, आरोपियों पर केस दर्ज
फर्जी एनकाउंटर (Fake Encounter In Etah) की बात सामने आने पर आगरा जोन के एडीजी राजीव कृष्ण के आदेश ने आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए.
यूपी के एटा में पुलिस की गुंडागर्दी का एक मामला सामने आया है. ढाबे पर खाने का बिल मांगने से खुन्नस में आए पुलिसकर्मियों ने ढाबा मालिक और उसके स्टाफ समेत वहां मौजूद 11 लोगों को गिरफ्तार (Police Arrested In Fake Encounter) कर लिया. पुलिस ने सभी को फर्जी एनकाउंटर में फंसा दिया. ढाबा मालिक जब जमानत से छूटा तो उसने पुलिस की शिकायत जिला अधिकारी विभा चहल से की. एएसपी क्राइम ब्रांच ने जब मामले की जांच की तो पुलिस का एनकाउंटर वाला दवा बिल्कुल झूठा साबित हुआ.
फर्जी एनकाउंटर की बात सामने आने पर आगरा जोन के एडीजी राजीव कृष्ण के आदेश ने आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए. इंस्पेक्टर इंद्रेश पाल, सिपाही संतोष यादव और शैलेंद्र यादव पर इस मामले में केस दर्ज (Case File Against Accused) कर उनकी तलाश की जा रही है. उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस जगह-जगह दबिश दे रही है.
खाने का बिल मांगने पर ढाबा मालिक को फंसाया
यह घटना 4 फरवरी की बताई जा रही है. खबर के मुताबिक कुछ पुलिसकर्मी खाने के लिए आगरा रोड पर मौजूद एक ढाबे पर पहुंचे थे. दिव्यांग ढाबा मालिक प्रवीण कुमार ने जब पुलिसकर्मियों के खाने का 450 रुपये का बिल थमाया तो उन्होंने सिर्फ 100 रुपये ही चुकाए. बकाया पैसे को लेकर पुलिसकर्मियों और ढाबा मालिक के बीच विवाद हो गया. पुलिसकर्मियों ने खुन्नस निकालते हुए तुरंत तीन गाड़ी भरकर पुलिसफोर्स वहां बुलवाई और खाना खा रहे लोगों समेत 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
एक शख्स को 1 लाख रुपये की घूस लेने के बाद छोड़ दिया गया वहीं 10 लोगों के खिलाफ झूठा केस बना दिया गया. उन सभी पर शराब, गांजा तस्करी का आरोप लगाकर उन्हें फंसा दिया गया. मामले की जांच के दौरान पुसिस की फर्जी मुठभेड़ की कहानी का पर्दाफाश हो गया. पीड़ित राहुल कुमार ने पूरा मामला जिला अधिकारी को बताया.
पीड़ित ने बताया कि 5 फरवरी को वह पुलिस की गिरफ्त में था तभी पुलिसकर्मियों ने खुद ही तमंचे से 6 फायर किए. साथ ही बताया कि गिरफ्तार किए गए एक शख्स को पुलिस ने एक लाख रुपये की घूस लेकर रिहा भी किया था. पीड़ित राहुल ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने ढाबे पर खाना खा रहे उसके तीन दोस्तों को भी फर्जी एनकाउंटर में जेल में डाल दिया था.