कोल स्कैम के आरोपी अनूप मांझी उर्फ लाला की ED ने कुर्क की 165.86 करोड़ रुपये की संपत्ति
कोयला तस्करी कांड (Coal Smuggling Scam) के आरोपी अनूप मांझी उर्फ लाला (Anup Manjhi or Lala) की 165.86 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोयला तस्करी कांड (Coal Smuggling Scam) के आरोपी अनूप मांझी उर्फ लाला (Anup Manjhi or Lala) की 165.86 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. यह संपत्ति इस्पात कारखाने से संबंधित हैं. बता दें कि आज ही सीबीआई (CBI) ने कोलकाता दफ्तर में कोयला तस्करी मामले में अनूप मांझी उर्फ लाला सहित तीन लोगों से पूछताछ की थी. अनूप मांझी से चौथी बार पूछताछ की गई थी.
जांच अधिकारियों का दावा है कि कोयला और मवेशी तस्करी के आरोपी लाला का कारोबार लगभग 2,000 करोड़ रुपये का है. जांच एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कोयला स्कैम के तार किन-किन से जुड़े हुए हैं. इस मामले में सीबीआई ने ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी रूजिरा बनर्जी, उनकी साली मेनका गंभीर और उनके रिश्तेदारों से भी पूछताछ कर चुकी है.
कोयला तस्करी से जुड़े हैं बड़े लोगों के भी तार
अनूप मांझी उर्फ लाला पर आरोप है कि इसने खुद भी कोयले की चोरी की और दूसरे रसूखदार लोगों से भी कोयले की चोरी करवाकर उसकी आगे तस्करी करवाई. उसके 250 ऐसे प्लॉट हैं, जिनके नीचे कोयला मौजूद है और इन प्लॉटों से कोयला निकालकर आगे बेचा गया, जो कानूनन गलत है. वह यह दूसरे लोगों को भी कोयला चोरी और तस्करी करने में मदद किया करता था.सीबीआई का आरोप है कि अनूप मांझी उर्फ लाला बड़े-बड़े लोगों को मोटी रकम भिजवाया करता था. यह बेहद हाईप्रोफाइल राजनीति से जुड़े और उनके रिश्तेदारों को भिजवाया करता था.
कई पुलिस अधिकारियों पर भी गिर सकती है गाज
इस मामले में पुलिस अधिकारियों के नाम कोयला घोटाले में सामने आ रहे हैं. बांकुड़ा के सर्किल इंस्पेक्टर अशोक मिश्रा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. अब राज्य पुलिस के एक एसडीपीओ से भी पूछताछ की गयी है. अनूप मांझी ने अपने कोयला तस्करी रैकेट को सुविधाजनक बनाने के लिए पश्चिम बंगाल में मवेशियों की तस्करी रैकेट का भी इस्तेमाल किया. सीबीआई ने मांझी ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) के महाप्रबंधक अमित कुमार धर और जयेश चंद्र राय, ईसीएल के सुरक्षा प्रमुख तन्मय दास, कुनुस्तोरिया के क्षेत्र सुरक्षा निरीक्षक धनंजय राय एवं काजोर इलाके के सुरक्षा प्रभारी एवं एसएसआई देबाशीष मुखर्जी के खिलाफ पिछले वर्ष नवंबर में प्राथमिकी यानी पीई दर्ज की थी.