हरिद्वार कुंभ के दौरान कोरोना संक्रमण ने धारण किया भयावह रूप, वक्त से पहले खत्म हो सकता है मेला
उत्तराखंड में चल रहे महाकुंभ में कोरोना विस्फोट हुआ है। यहां अप्रैल 10-14 के बीच 1701 तीर्थयात्री और साधु कोरोना संक्रमित पाये गये हैं। बता दें कि मेले में कई धर्मिक संगठन के प्रमुखों ने कोरोना टेस्ट कराने से इंकार कर दिया था।
हरिद्वार: उत्तराखंड में चल रहे महाकुंभ में कोरोना विस्फोट हुआ है। यहां अप्रैल 10-14 के बीच 1701 तीर्थयात्री और साधु कोरोना संक्रमित पाये गये हैं। बता दें कि मेले में कई धर्मिक संगठन के प्रमुखों ने कोरोना टेस्ट कराने से इंकार कर दिया था। नतीजा ये है कि अब मेले में हालात बेहद खराब हो सकते हैं। वहीं, इस दौरान कोरोना गाइडलाइन्स का पालन नहीं किया जा रहा है। ना तो मास्क दिख रहा है और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का ही पालन किया जा रहा है।
इससे देखते हुए कुंभ मेला को दो हफ्ते पहले खत्म किया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि उत्तराखंड सरकार और धार्मिक नेताओं के बीच चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया है। गंगा नदी के तट पर होने वाले वार्षिक कार्यक्रम में नदी में डुबकी लगाने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे हुए हैं। इसने देशभर में कोरोना के मामले बढ़ाने को लेकर चिंता बढ़ा दी थी।
वहीं कर्नाटक सरकार ने हरिद्वार में कुंभ मेला से लौटने वाले श्रद्धालुओं को पृथक-वास में रहने की सलाह दी है और कोरोना वायरस की जांच कराने को कहा है। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने ट्वीट किया, ‘‘हरिद्वार में कुंभ मेला से राज्य लौटने वाले श्रद्धालु निश्चित रूप से घर पर पृथक-वास में रहें और कोरोना वायरस की जांच करायें। मैं श्रद्धालुओं से अनुरोध करता हूं कि जांच में संक्रमण की पुष्टि नहीं होने पर ही वे अपनी रोजाना की गतिविधि को जारी रखें।’’
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवाओं के आयुक्त के. वी. त्रिलोक चंद्रा ने इस संबंध में एक परिपत्र जारी किया है। भारत सरकार द्वारा हरिद्वार में कुंभ मेला जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए मानक संचालन प्रक्रिया का हवाला देते हुए चंद्रा ने कहा, ‘‘कुंभ मेला में शामिल होने वाले श्रद्धालु या आगंतुकों को मानक संचालन प्रक्रिया का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया जाता है।’’