Civil War in Pakistan: फ्रांस ने अपने नागरिकों से जल्द से जल्द पाकिस्तान छोड़ने को कहा

तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के नेता साद रिजवी को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद उनकी पार्टी ने देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया था।

इस्लामाबाद: फ्रांस ने बिगड़ते हालात को देखते हुए अपने नागरिकों को जल्द से जल्द पाकिस्तान छोड़ने की सलाह दी है। इस्लामाबाद में स्थित फ्रांसीसी दूतावस ने एक ईमेल के जरिए जानकारी दी है कि पाकिस्तान में मौजूद फ्रांसीसी नागरिकों के ऊपर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। दूतावास ने कहा है कि यदि कोई फ्रांसीसी नागरिक पाकिस्तान के किसी भी हिस्से में रहता हो तो वह तुरंत ही दूसरे देश रवाना हो जाए। बता दें कि पाकिस्तान के कई शहरों में कट्टर इस्लामी संगठन फ्रांस से राजनयिक संबंध तोड़ने की मांग को लेकर उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं।

साद रिजवी की गिरफ्तारी के बाद तेज हुए प्रदर्शन

तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के नेता साद रिजवी को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद उनकी पार्टी ने देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया था। रिजवी ने रविवार को सरकार को धमकी दी थी कि अगर पैगंबर मुहम्मद के चित्र बनाने के मुद्दे पर फ्रांस के राजदूत को देश से नहीं निकाला गया तो इसके विरोध में प्रदर्शन किए जाएंगे। पुलिस ने कहा था कि रिजवी को कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए गिरफ्तार किया गया है। रिजवी ने कहा कि सरकार ने प्रतिबद्धता जताई थी कि फ्रांस में पैगंबर के चित्र प्रकाशित करने के मुद्दे पर फ्रांस के राजदूत को 20 अप्रैल से पहले देश के बाहर निकाल दिया जाएगा।

TLP पर पाकिस्तान सरकार ने लगाया प्रतिबंध
पाकिस्तान ने TLP समर्थकों की लगातार कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ झड़प के बाद बुधवार को आतंकवाद अधिनियम के तहत उस पर प्रतिबंध लगा दिया था। बुधवार तक झड़पों के दौरान 7 लोगों की मौत हो चुकी थी और 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे। गृह मंत्री शेख राशिद ने कहा कि तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) को 1997 के आतंकवाद रोधी अधिनियम के नियम 11-बी के तहत प्रतिबंधित किया जा रहा है। शेख राशिद ने कहा कि बीते 2 दिन में प्रदर्शनकारियों के साथ झड़पों में कम से कम दो पुलिस अधिकारियों की मौत हो चुकी है और 340 से अधिक घायल हुए हैं।

इमरान सरकार ने समझौत पर किए थे हस्ताक्षर
TLP समर्थकों ने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून प्रकाशित करने के लिए फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने के लिए इमरान खान सरकार को 20 अप्रैल तक का समय दिया था, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने साद हुसैन रिज्वी को गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इमरान सरकार ने पिछले साल नवंबर में फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने पर सहमति जताते हुए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। फरवरी तक राजदूत को निष्कासित करने का आश्वासन दिये जाने के बाद मामला शांत हो गया था और समझौते को 20 अप्रैल तक बढ़ा

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