साहब! घर में बीमार मां-बहन की जिम्मेदारी, ऊपर से कोरोना और महंगाई की मार, जिस्मफरोशी नहीं करते तो भूखों मर जाते

  • सैक्स रैकेट मे पकड़ी गई युवतियों ने महिला पुलिस अफसर को सुनाई अपनी पीड़ा

हाल में ग्वालियर में पकड़े गए सेक्स रैकेट में मिली दिल्ली और कोलकाता की कॉल गर्ल्स के जिस्मफरोशी के धंधे में उतरने के पीछे दर्द भरी कहानी सामने आई है। एक कॉल गर्ल ने महिला पुलिस अफसर बताया कि साहब! कोरोना और महंगाई ने हालत खराब कर दी थी। घर पर बुजुर्ग मां और बहन की जिम्मेदारी है। पिता हैं नहीं। ऐसे में खुद को जिस्मफरोशी में धकेलना पड़ा। यह पेट की आग है। दो वक्त की रोटी के लिए मजबूरी में जिस्म बेचना पड़ता है। नहीं तो दिल्ली जैसे शहर में भूखे मर जाएंगे।

सेक्स रैकेट में पकड़ी गई युवतियों की इस कहानी को सुनकर पुलिस अफसरों के भी आंखों में आंसू आ गए। हालांकि पुलिस उनके बयानों की तस्दीक भी कर रही है। फिलहाल पुलिस ने समझाइश दी कि आगे से वह ईमानदारी और मेहनत से काम करें।

यह है मामला

सिटी सेंटर में कलेक्टोरेट के पीछे घर में लॉज का बोर्ड लगाकर जिस्मफरोशी का रैकेट चलाया जा रहा था। पुलिस ने छापा मारा, तो वहां दिल्ली और कोलकाता की 5 युवतियां मिलीं। इसके अलावा एक ग्राहक भी पकड़ा गया। यहां देह व्यापार का अड्डा चलाने वाले दो दलालों अनुज शिवहरे, गौरव जैन के नाम भी सामने आए। युवतियों को थाने लाकर पुलिस ने पूछताछ की, तो उन युवतियों की दर्दभरी कहानी सामने आई।

एक युवती सोनाली (बदला हुआ नाम) ने आपबीती सुनाते हुए कहा, पिता का निधन हो चुका है। घर की जिम्मेदारी मां पर आ गई, लेकिन मां बीमार रहने लगी। घर में खाने तक के लाले पड़ गए। दो वक्त की रोटी के लिए भी पैसे नहीं थे। कभी पड़ोसी से उधार मांग लेते, तो कभी किसी से। घर में छोटी बहन भी थी। उसकी जिम्मेदारी भी मेरे ऊपर थी। बीच में कोरोना ने कहर बरपा दिया।

फिर महंगाई जान खा गई। ऐसे में कुछ नहीं सूझा, तो जिस्मफरोशी के धंधे में उतरी। इस दलदल में एक बार धंसी तो धंसती चली गई। इसमें पैसे मिलते गए, तो घर के हालत भी ठीक होने लगे। फिर सोचा भी नहीं सकी, इससे बाहर निकलना है या नहीं। ऐसे ही कुछ हालात अन्य पकड़ी गई युवतियों के भी थे। सभी आर्थिक रूप से कमजोर हैं।

एजेंट करते हैं शोषण

मजबूर और गरीब लड़कियों का फायदा जिस्मफरोशी का धंधा कराने वाले एजेंट उठाते हैं। जेल जाने से पहले एक युवती ने पुलिस को बताया, दलाल ऐसी लड़कियों की तलाश में रहते हैं। गांव-गांव शहर-शहर घूमते हैं। जब कोई मजबूर और गरीब लड़की दिखाई दे जाती है, तो मददगार बनकर उसे फंसा लेते हैं। फिर धीरे-धीरे उसे जिस्मफरोशी के धंधे में उतार देते हैं। ग्राहक जो रकम देता है, उसमें 60 प्रतिशत तो यह दलाल अपने पास रख लेते हैं। शेष 40 प्रतिशत उन युवतियों को मिलता है।

अभी तक हाथ नहीं आए मास्टरमाइंड

सेक्स रैकेट का अड्डा चलाने वाले अनुज शिवहरे और गौरव जैन पुलिस की पकड़ से दूर हैं। अनुज के बारे में पता लगा है कि वह आनंद नगर में शराब व स्मैक का धंधा करता है। यहां वह मामा का बाजार में रह रहा था। मूल रूप से झांसी के गुरसराय का रहने वाला है। पुलिस ने झांसी गुरसराय में अनुज के घर दबिश भी दी, लेकिन वह मिला नहीं। पुलिस के सेक्स रैकेट पकड़ने के बाद अनुज और गौरव दोनों अंडरग्राउंड हो चुके हैं।

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