मध्य प्रदेश: दो पेड़ काटना आदिवासी युवक को पड़ा भारी, वन विभाग ने लगाया 1.2 करोड़ रुपए का जुर्माना

अधिकारी ने कहा कि छोटे लाल पर पेड़ से मिलने वाले सभी लाभों को जोड़ते हुए जुर्मान लगाया गया है. अधिकारी ने कहा कि छोट लाल आदतन अपराधी है. इससे पहले भी वो कई बार इसी जुर्म पर पकड़ा गया है.

मध्य प्रदेश के रायसेना जिले में वन विभाग के अधिकारी ने दो पेड़ों को काटने पर एक आदिवासी युवक पर 1.2 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा दिया. अधिकारी ने बताया कि पेड़ की वास्तविक कीमत के साथ-साथ उससे मिलने वाले प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष फायदों को भी कैलकुलेट किया गय है. उसी आधार पर जुर्माने की रकम तय की गई है. पेड़ काटने का आरोपी रायसेना जिले के सिलवानी गांव का रहने वाला है. युवक का नाम छोटे लाल भिलाल है. छोटे लाल पर सागौन के दो पेड़ों को काटने का आरोप है.

जानकारी के अनुसार छोटे लाल को 5 जनवरी को सिंगोर सैंचुरी में पेड़ काटते हुए देख गया था. उसके बाद से ही छोटे लाल फरार था. इसके बाद 26 अप्रैल को उसे गिरफ्तार किया गया. बम्होरी फॉरेस्ट रेंजर ने बताया कि डायरेक्टर जनरल काउंसिल ऑफ फॉरेस्ट ट्री रिसर्च एंड एजुकेशन के मुताबिक एक पेड़ 50 सालों तक करीब 52 लाख रुपए के लाभ देता है. इसमें करीब 12 लाख रुपए की ऑक्सीजन, 24 लाख रुपए का प्रदूषण नियंत्रण, 19 लाख रुपए की मिट्टी कटने से रोकना और 4 लाख रुपए की वॉटर फिल्ट्रेशन को शामिल किया गया है. इस तरह से एक पेड अपनी आयु के दौरान 60 लाख रुपए का लाभ देता है.

आदतन अपराधी है छोटे लाल

अधिकारी ने कहा कि छोटे लाल पर पेड़ से मिलने वाले सभी लाभों को जोड़ते हुए जुर्मान लगाया गया है. अधिकारी ने कहा कि छोट लाल आदतन अपराधी है. इससे पहले भी वो कई बार इसी जुर्म पर पकड़ा गया है. अधिकारी ने बताया कि वो पेड़ काटकर फर्नीचर की दुकानों पर बेचता है. छोटे लाल के परिवार वालों ने वन विभाग के अधिकारियों की ओर से लगाए गए आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि हम जंगल से घिरे गांवों में रहते हैं इस लिए पुराने गिर चुके पेड़ों का इस्तेमाल करते हैं. वन विभाग हमारा उत्पीड़न कर रहा है.

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