होटल-रेस्तरां के लिए काल बन गई कोरोना वायरस की दूसरी लहर
कोरोना की पहली लहर से उबरने का प्रयास कर रहे रहे होटल-रेस्तरां कारोबारियों पर दूसरी लहर भारी पड़ गई है। शहर में 76 से ज्यादा रेस्तरां और 8 होटल बंद हो गए हैं। फेडरेशन आफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन आफ इंडिया ने वित्तमंत्री से राहत पैकेज की मांग की है। अकेले कानपुर की हास्पिटैलिटी इंडस्ट्री को बचाने के लिए कम से कम 300 करोड़ की राहत चाहिए।
फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के तहत कोरोना महामारी से प्रभावित होटल-रेस्त्रां सेक्टर को विशेष लोन गारंटी देने की मांग की है। संगठन ने सरकार से पहली, दूसरी और तीसरी सुविधाओं के तहत छूट को सीधा और सरल बनाने की अपील की है।
एफएचआरएआई के उपाध्यक्ष गुरबख्शीश सिंह ने कहा कि लॉकडाउन से हॉस्पिटेलिटी और रेस्तरां सेक्टर से जुड़े उद्यमी भयानक वित्तीय दबाव में हैं। प्रतिष्ठानों के बंद होने से इस क्षेत्र में बेरोजगारी भी बढ़ेगी।
कोरोना ने होटल-रेस्तरां की 66 कोमर तोड़ दी है। उद्यमी बर्बाद होने के कगार पर आ गए हैं। पांच दर्जन से ज्यादा रेस्तरां व होटलों में ताला पड़ चुका है। किस्तें एनपीए हो गई हैं। दर्जनों उद्यमियों की प्रापर्टी नीलाम होने की स्थिति में है। जल्द सरकार को राहत पैकेज का एलान करना चाहिए। – आरके सेठी, एमडी, गगन प्लाजा समूह
हॉस्पिटैलिटी सेक्टर एक साल से परेशान है। तमाम छोटे होटल और रेस्तरां बंद हो गए। कोरोना की दूसरी लहर ने रही-सही कसर पूरी कर दी। एमएसएमई की तरह इस सेक्टर को अलग से पैकेज देने की मांग की गई है। – विजय पंडित, सदस्य, फेडरेशन आफ होटल-रेखां एसोसिएशन आफ इंडिया