5G है क्या, भारत में कब तक आएगा, इससे क्या-क्या बदल जाएगा और आपको क्या फायदे होंगे?
4G की पीक स्पीड जहां 1 GBPS तक की है. वहीं, 5G की पीक स्पीड 20 GBPS यानी 20 जीबी प्रति सेकेंड तक की होगी. इससे कनेक्टिविटी भी काफी बेहतर होने वाली है.
एक जमाना था, जब लोगों के हाथ में मोबाइल नहीं होते थे. होते भी थे तो बहुत अमीर लोगों के पास. फिर तकनीकी क्रांति हुई और मोबाइल आम आदमी के हाथों में नजर आने लगा. यह दौर 2G का था. इंटरनेट चलता तो था, लेकिन बहुत धीरे. फिर 3G का दौर आया और एयरटेल, वोडा, आइडिया जैसी कई कंपनियां 3G सर्विस देने लगीं और फिर आ गई 4G तकनीक.
रिलायंस के वेंचर Jio ने सीधे 4G लॉन्च किया और कुछ महीने फ्री में इंटरनेट उपलब्ध करा कर लोगों को इसकी आदत लगा दी. बाद में अन्य कंपनियों को भी इंटरनेट की दरें कम करनी पड़ी. यहां G से सामान्य अर्थ Generation समझिए. हम भारतीय मोबाइल तकनीक के 4th Generation में जी रहे हैं और अब दौर आनेवाला है 5G का. केंद्र सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को 5G ट्रायल की अनुमति दे दी है.
कोरोना की दूसरी लहर के बीच एक अफवाह तो यहां तक उड़ गई थी कि 5G टेस्टिंग की वजह से ही देश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. तो फिर उन देशों का क्या, जहां पहले से 5G मौजूद है और ट्रायल शुरू होने से पहले भी तो मामले तेजी से बढ़ रहे थे. बहरहाल सरकार की ओर से इस अफवाह का खंडन भी किया जा चुका है. टेक्नो फ्रेंडली लोगों को तो बड़ी बेसब्री से 5G का इंतजार है.
ये 5G आखिर है क्या?
5G यानी मोबाइल नेटवर्क की जेनरेशन. तेज नेटवर्क स्पीड, बिना रुकावट एचडी सर्फिंग, बेहतरीन सेवा…और भी बहुत कुछ. भारत सरकार ने 5G ट्रायल की अनुमति दे दी है और टेलीकॉम कंपनियों को जल्द ही इसके लिए स्पेक्ट्रम उपलब्ध करवाया जाएगा. एयरटेल ने 5जी नेटवर्क की टेस्टिंग भी कर ली है.
दरअसल, 5G सेलुलर सेवा की लेटेस्ट टेक्नोलॉजी है. इसे 4G नेटवर्क का अगला वर्जन कहा जा सकता है. इसमें यूजर्स को ज्यादा नेट स्पीड, कम लेटेंसी और ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी देखने को मिलेगी. अबतक की सेलुलर टेक्नोलॉजी कनेक्टिविटी पर फोकस किया करती थी, लेकिन 5G सेलुलर टेक्नोलॉजी एक कदम आगे बढ़ कर क्लाउड से क्लाइंट को सीधे कनेक्ट करेगा.
5G आने से क्या कुछ बदल जाएगा?
इंटरनेट स्पीड की बात करें तो जाहिर है कि 5G की स्पीड 4G से काफी ज्यादा होगी. 4G की पीक स्पीड जहां 1 GBPS तक की है. वहीं, 5G की पीक स्पीड 20 GBPS यानी 20 जीबी प्रति सेकेंड तक की होगी. इससे कनेक्टिविटी भी काफी बेहतर होने वाली है. 5G टेक्नोलॉजी से हेल्थकेयर, वर्चुअल रियलिटी, क्लाउड गेमिंग के लिए नए रास्ते खुलेंगे. ड्राइवरलेस कार की संभावना इसके जरिये पूरी होगी.
विशेषज्ञों के मुताबिक, आनेवाले दिनों में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, यातायात प्रबंधन, स्मार्ट सिटी के कई एप्लिकेशंस की एक विस्तृत शृंखला क्रांति की उम्मीद जताई जा रही है. डेटा रेट्स की बात करें तो एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 5G तकनीकी में इसके 4G के मुकाबले में 10 गुना ज्यादा बढ़ जाने के आसार हैं. Qualcomm के मुताबिक, 5G अभी तक 13.1 ट्रिलियन डॉलर ग्लोबल इकोनॉमिक आउटपुट दे चुका है.
देश में कबतक लॉन्च होगा 5G ?
भारत में लोग 5G नेटवर्क लॉन्च होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और ऐसा कब संभव होगा, इसे लेकर अभी बहुत साफ नहीं कहा जा सकता. कुछ कंपनी इस साल के आखिर में 5G लॉन्च की तैयारी कर रही है, जबकि कुछ का मानना है कि डोमेस्टिक टेलीकॉम मार्केट को 5G सेवाओं के लिए तैयार होने में 2 साल भी लग सकते हैं. केंद्र सरकार ने भारत में अभी तक 5G स्पेक्ट्रम की सेल भी शुरू नहीं की है.
5G नेटवर्क की टेस्टिंग करनेवाली कंपनी एयरटेल का दावा है कि 5G सेवा देने के लिए वह तैयार है, बशर्ते सरकार देश में 5G कनेक्टिविटी सर्विस की शुरुआत करे. टेक वेबसाइट डिजिट की रिपोर्ट के मुताबिक, जियो 5G को भारत में 2021 की दूसरी छमाही में लॉन्च कर सकता है. कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने दावा किया था कि Jio भारत में 5G नेटवर्क क्रांति का नेतृत्व करेगा. मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस साल 5G नेटवर्क स्पेक्ट्रम बंटवारे को लेकर बात हो सकती है और देश में 5G सर्विस शुरू करने को लेकर सरकार बड़ा फैसला कर सकती है.