प्रशासन की अनदेखी:बैसली डैम में मिल रहा फैक्टरियों का दूषित पानी, लोग हो रहे बीमार

  • बैसली डेम का पानी पीने से लोगों को पेट दर्द और उल्टी होने की शिकायतें
  • एसडीएम बोले- समस्या को लेकर उद्योग विभाग को पत्र लिखेंगे

गोहद नगर की प्यास बुझाने वाले बैसली डैम का पानी पीने से इन दिनों लोग बीमार हो रहे हैं। स्थिति यह है कि उनको इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती तक होना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों को पीने के लिए पानी रोजाना बाजार से खरीदना पड़ रहा है। डैम का पानी पीने के पीछे नगरवासियों का तर्क है कि मालनपुर की फैक्टरियों से केमिकल युक्त पानी बैसली डैम में पहुंच रहा है। इस केमिकलयुक्त पानी पीने से जहां लोग बीमार हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर डैम में मौजूद मछलियों के मरने का खतरा फिर से बढ़ गया है।

गौरतलब है कि गोहद नगर कही आबादी एक लाख के करीब है, वहीं गोहद नगर पालिका बैसली डैम के पानी से नगर की जनता की प्यास बुझाती है। हालांकि इसके लिए नगर पालिका ने एक ट्रीटमेंट प्लांट भी बना रखा है, जहां से पानी को रोजाना फिल्टर करके नगर के सभी18 वार्डों में सप्लाई किया जाता है। लेकिन पिछले एक महीने से डैम का पानी पीने से बीमार हो रहे लोगों को लेकर नगरवासियों का कहना है कि मालनपुर की फैक्टरियों से केमिकल युक्त पानी आने से बैसली डैम का पानी दूषित हो चुका है। वह पीने योग्य नहीं रहा है।खास बात यह है कि डैम के पानी की जांच करने के लिए सिंचाई विभाग की लैब पिछले डेढ़ साल से बंद पड़ी हुई है।

रिपोर्ट… बैसली डैम का पानी पीने योग्य नहीं
समाजसेवी संजय झा बताते हैं कि जून 2020 में मप्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट में बैसली डैम के पानी को पीने योग्य नहीं बताया गया था। उस दौरान भी रिपोर्ट में कहा गया था कि डैम का पानी मालनपुर की फैक्टरियों से आने वाले केमिकल युक्त पानी से दूषित हुआ है। वहीं टोनी मुदगल का कहना है कि मालनपुर की फैक्टरियों से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी एक नाले के माध्यम से पानी नदी में पहुंचा है। वहीं डैम के अंदर जो पानी आता है वह पानी नदी से ही आता है। स्पष्ट है कि नदी के माध्यम से केमिकल युक्त पानी बैसली डैम तक पहुंच रहा है।
गोहद में पीने के लिए पानी खरीदने को मजबूर लोग
डैम का पानी पीने से लोगों के बीमार होने के चलते अधिकांश नगरवासियों ने पीने के लिए बाजार से पानी से भरी केन खरीदना शुरू कर दिया है। वहीं दूसरी ओर जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण पानी की केन नहीं खरीद पा रहे हैं, उनको आज भी मजबूरी के चलते डैम का पानी पीना पड़ रहा है। समाजसेवी विक्की यदुवंशी का कहना है कि एक तरफ डैम का पानी दूषित हो चुका है, वहीं नगर के वार्डों में लगे सरकारी हैंडपंपों से रेत युक्त पानी निकल रहा है। जिसको पीने से भी लोग बीमार हो रहे हैं। इसके बाद भी प्रशासन के अफसर इस समस्या के निराकरण के लिए पहल नहीं कर रहे।
अस्पताल में सबसे अधिक पेट दर्द के मरीज भर्ती
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दिनों सबसे अधिक पेट दर्द और उल्टी से ग्रस्त मरीज भर्ती हैं। डॉ. वीरेंद्र सिंह का कहना है कि दूषित पानी के सेवन से लोगों को पेट दर्द और उल्टी होने लगती है। मंगलवार शाम तक की ओपीडी में350 मरीज इलाज के लिए आए थे, जिसमें से सबसे अधिक 150 मरीज पेट दर्द और उल्टी वाले थे। अस्पताल में भर्ती वार्ड क्रमांक 4 निवासी भारती,वार्ड क्रमांक 10 निवासी फातिमा खान, अर्पित जाटव, वार्ड क्रमांक 16 सोमिया सिंह आदि ने बताया कि घर में डैम का पानी सप्लाई होता है। जिसको पीने से हम लोगों को उल्टी और पेट दर्द हुआ था।

विभाग को पत्र लिखेंगे

^बेसली डैम में अगर फैक्टरियों केमिकल युक्त पानी आ रहा है, तो इसकी जांच कराई जाएगी। साथ ही उद्योग विभाग को पत्र भी लिखूंगा। शुभम शर्मा, एसडीएम, गोहद

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