कारोबारियों की चिंता:700 करोड़ सालाना कारोबार वाले स्टोन पार्क को 500 करोड़ रुपए तक के घाटे में पहुंचाया, अब स्टोन कलस्टर का सपना
- सफेद पत्थर का कारोबार 5 साल से लगातार घट रहा, खदानों की लीज भी नहीं हाे पा रही आवंटित
- जब सरकार ने स्टोन पार्क को फेल कर दिया तो कलस्टर कैसे होगा सफल?
आवंटन नीति पर अनिर्णय की स्थिति और अफसरों की मनमानी के कारण घाटे में पहुंच चुके सफेद पत्थर कारोबारियों को सरकार अब स्टोन कलस्टर का सपना दिखा रही है। बीते दिनों प्रदेश सरकार ने ग्वालियर में स्टोन कलस्टर बनाने की घोषणा कर दी और इसके लिए जमीन की तलाश भी शुरू हो गई है, लेकिन इस घोषणा के बाद इस सेक्टर के कारोबारियों में सबसे बड़ी चिंता इस बात को लेकर है कि जब सरकार की गलत नीतियों के कारण पिछले 5 साल से लगातार घाटा सहन करना पड़ रहा है, फिर कलस्टर सिस्टम में बड़े इन्वेस्टमेंट के साथ कैसे जाएं? क्योंकि ग्वालियर के स्टोन पार्क से हर साल जो कारोबार 700 करोड़ रुपए तक का होता था वो अब अधिकतम 200 करोड़ रुपए पर सिमटा हुआ है।
ऐसे समझें… स्टोन पार्क में बढ़ता घाटा और कलस्टर का सपना
1. स्टोन पार्क: पुरानी छावनी के पास सरकार ने 2009 में स्टोन पार्क स्थापित किया था। इसमें 53 इकाई लगीं। यहां से 10 देशों में पत्थर सप्लाई किया जाता है। 2016 तक यहां से लगभग 700 करोड़ रुपए का कारोबार होता था, लेकिन एनजीटी ने स्थित सफेद पत्थर की 48 खदानों पर रोक लगा दी। इस कारण स्टोन इंडस्ट्रीज को कच्चा माल मिलना कम हो गया। तनीजा- कारोबार 200 करोड़ पर अा गया।
2. स्टोन कलस्टर: राज्य सरकार 20 हेक्टेयर जमीन पर स्टोन कलस्टर बनाने की तैयारी कर रही है। पिपरौली एवं शिवपुरी लिंक रोड़ पर जगह भी देखी गई है। कलस्टर यूनिट में कुछ कारोबारियों का समूह बनेगा और स्टोन कटिंग की बड़ी मशीनें लाई जाएंगी। कारोबारियों के अनुसार प्रकार के सभी काम जयपुर के पास स्थित बयाना से कराए जाते हैं। यदि ऐसी मशीनें लगती हैं तो कारोबार बढ़ेगा।
सरकार ने मुंह फेरा तो बदली इंडस्ट्रीज
स्टोन पार्क में 53 इंडस्ट्रीज स्थापित हुई थीं, जो घाटीगांव-जखौदा और मुरैना के रंचोली आदि क्षेत्रों से आने वाले पत्थर से आयटम तैयार कर देश-विदेश में सप्लाई करती थी, लेकिन कच्चे माल की कमी के कारण अब यहां 3 इंडस्ट्रीज में पत्थर का काम बंद कर प्लास्टिक एवं फूड प्रॉडक्ट बनाए जा रहे हैं।
सरकार सपोर्ट करे तो बढ़ सकता है पत्थर का कारोबार
^ग्वालियर के सफेद पत्थर से तैयार होने वाले उत्पाद की डिमांड भारत ही नहीं, दुनियाभर में है, लेकिन लगभग 5 साल से सरकार एवं जिम्मेदार अफसरों की उदासीनता के कारण इस सेक्टर में कारोबार कम होता जा रहा है। कलस्टर को लेकर भी हमने शासन स्तर पर कहा है कि यदि कच्चा माल पर्याप्त मिले और सरकार इस व्यापार में सपोर्ट करे, तो ही कलस्टर बनाया जाए। अन्यथा कारोबारियों काे नुकसान होगा। – सत्यप्रकाश शुक्ला, अध्यक्ष, स्टोन पार्क इंडस्ट्रीज
समस्या का समाधान करेंगे
^जहां तक स्टोन पार्क कारोबारियों की समस्या का मामला है उसके लिए खनिज विभाग में बात करके खदानें जल्द आवंटित कराने का प्रयास करेंगे। इन कारोबारियों की दूसरी समस्याओं का भी निपटारा कराएंगे।
– कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर
आवंटन प्रक्रिया चल रही है
^सफेद पत्थर की खदानों को आवंटित करने की प्रक्रिया चल रही है। जो आवेदन आए थे उनमें से नियमानुसार छंटनी कर विज्ञप्ति जारी की गई है। दावे-आपत्ति का निपटारा कर जल्द आवंटन शुरू करेंगे।
– गाेविंद शर्मा, खनिज अधिकारी