ग्वालियर की बढ़ेगी शान:यूनेस्को की हिस्टोरिक अर्बन लैंडस्केप स्कीम में ग्वालियर-ओरछा शामिल, शुभारंभ 20 को
- देश में अभी बनारस और पुष्कर हैं यूनेस्को की योजना में शामिल
यूनेस्को की हिस्टोरिक अर्बन लैंडस्केप (एचयूएल) स्कीम में मप्र के दो शहर ग्वालियर और ओरछा (निवाड़ी) को शामिल कर लिया गया है। अभी तक देश के दो शहर बनारस व अजमेर के पुष्कर इस स्कीम में शामिल हैं।
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला के मुताबिक यूनेस्को (दिल्ली) व मप्र टूरिज्म बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में उक्त एचयूएल प्रोजेक्ट शुरु हो रहा है। इस प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि इसमें उक्त दोनोंं शहरों की ऐतिहासिक धरोहरोंं को शहरी योजना के तहत सहेजा जाएगा। शुक्ला ने कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से कहा है कि इस प्रोजेक्ट के लिए अलग से नोडल अधिकारी नियुक्त करें ताकि काम रफ्तार से चल सके। नोडल अधिकारी ही यूनेस्को के विशेषज्ञों के साथ ऐतिहासिक इमारतों की जानकारी संग्रहित कर गाइड लाइन तैयार करेंगे।
वर्चुअल शुभारंभ में यूनेस्काे के संचालक हाेंगे शामिल
मप्र में एचयूएल का वर्चुअल शुभारंभ कार्यक्रम 20 जुलाई मंगलवार को अपराह्न तीन बजे होगा। मप्र टूरिज्म बोर्ड के इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर भी शामिल रहेंगे। दो घंटे के इस कार्यक्रम के दौरान यूनेस्को के संचालक सहित अन्य प्रतिनिधि, प्रमुख सचिव पर्यटन शिव शेखर शुक्ला, यूनेस्को के प्रमुख वास्तुविद निशांत उपाध्याय सहित अन्य अफसर भी शामिल रहेंगे। ग्वालियर से कलेक्टर के अलावा निगम आयुक्त शिवम वर्मा, स्मार्ट सिटी सीईओ जयती सिंह भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
5 फायदे… पुरातत्व संपदा को मिलेगी मजबूती
- ऐतिहासिक महत्व की धरोहरों का विकास और नियोजित प्लानिंग होगी।
- अभी जो टूरिस्ट दिल्ली-आगरा से वापस चले जाते हैं वे ग्वालियर आएंंगे।
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ग्वालियर की पहचान बनेगी, आर्थिक गतिविधियों को बढ़ेंगी।
- पुरातत्व महत्व की इमारतों के दस्तावेज इकट्ठे कर उनका सर्वेक्षण, विकास होगा।
- क्षेत्र के लोगों की इस प्रोजेक्ट में सहभागिता से उन्हें रोजगार के अवसर मिलेंगे।