शायद कृपा वहीं अटकी हुई थी, खेल रत्न का नाम बदलते ही देश को मिल गया गोल्ड मेडल’, बोले लद्दाख से BJP के सांसद

स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) को लेकर किए एक ट्वीट में लद्दाख के बीजेपी सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल (Jamyang Tsering Namgyal) ने कहा कि खेल रत्न अवार्ड का नाम बदलते ही देश को गोल्ड मेडल (Gold Medal) मिल गया.

टोक्यो ओलिंपिक में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने वाले स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) की देश भर में चर्चाएं हो रही हैं. उन्होंने जैवलिन थ्रो (Javelin Throw) में 87.58 मीटर के थ्रो के साथ एक बड़ी कामयाबी हासिल की है. उनको लेकर किए एक ट्वीट में लद्दाख के बीजेपी सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल (Jamyang Tsering Namgyal) ने कहा कि खेल रत्न अवार्ड का नाम बदलते ही देश को गोल्ड मेडल (Gold Medal) मिल गया.

नीरज चोपड़ा की जीत के बाद नामग्याल ने ट्विटर पर लिखा, ‘खेल रत्न का नाम बदलते ही देश को मिल गया गोल्ड मेडल, शायद कृपा यहीं अटकी हुई थी’. दरअसल, भारत के सर्वोच्च खेल अवार्ड ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ का नाम बदलकर अब मेजर ध्यानचंद के नाम पर रख दिया गया है.

पीएम मोदी ने शुक्रवार को एक ट्वीट करते हुए लिखा, ‘देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए. लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है.’

 

‘हॉकी के जादूगर’ कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद ने भारत को लगातार 3 बार ओलिंपिक में गोल्ड मेडल दिलवाया था. राजीव गांधी खेल रत्न भारत का खेल जगत में दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है. इस पुरस्कार का नाम पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के नाम पर रखा गया था. खेल रत्न पुरस्कार की शुरुआत साल 1991-92 में हुई थी. खेल के क्षेत्र में सराहना और जागरूकता के लिए इस सम्मान की स्थापना की गई थी. शतरंज ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद इस पुरस्कार को पाने वाले पहले खिलाड़ी थे.

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