MP: साढ़े चार साल में मध्य प्रदेश में रेप के 26,708 मामले दर्ज
महिलाओं के अपहरण के 854 मामले दर्ज किए गए.’उत्तर में बताया गया है कि प्रदेश में महिलाओं की हत्या के 2,663 मामले दर्ज किए गए हैं.
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पिछले साढ़े चार साल में बलात्कार (rape cases in madhya pradesh) के 26,708 मामले, सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या के 37 मामले तथा नाबालिग लड़कियों के अपहरण के 27,827 मामले दर्ज किए गए हैं. राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के सवाल के लिखित उत्तर में सोमवार को मध्य प्रदेश विधानसभा में यह जानकारी दी.
गृह मंत्री नरोत्तममिश्रा ने पटवारी के सवाल के उत्तर में बताया, ‘प्रदेश में जनवरी 2017 से जून 2021 के दौरान सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के 37 मामलों के अलावा इस अवधि में नाबालिग लड़कियों के अपहरण के 27,827 मामले दर्ज किए गए.
महिलाओं के अपहरण के 854 मामले दर्ज
इसके अलावा (नाबालिगों के अलावा) महिलाओं के अपहरण के 854 मामले दर्ज किए गए.’उत्तर में बताया गया है कि प्रदेश में महिलाओं की हत्या के 2,663 मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें वर्ष 2017 में 549, वर्ष 2018 में 583, वर्ष 2019 में 577, वर्ष 2020 में 633 और चालू वर्ष में जनवरी से 30 जून तक 321 मामले दर्ज किए गए हैं.
5 महीने में लव जिहाद के 28 मामले
वहीं मध्य प्रदेश में 5 महीने में लव जिहाद के 28 केस दर्ज हुए हैं. यानी कानून लागू होने के बाद हर महीने औसतन 5 केस दर्ज हुए. प्रदेश में सबसे ज्यादा 5 केस इंदौर और सबसे कम 1 केस भोपाल में शाहजहांनाबाद थाने में दर्ज हुआ. इन मामलों में 37 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. यह जानकारी सरकार ने 9 अगस्त को विधानसभा में दी.
बीजेपी विधायक कृष्णा गौर ने सदन में पूछा था, मार्च 2021 से अब तक प्रदेश में लव जिहाद और जबरिया धर्म परिवर्तन के कितने प्रकरण दर्ज किए गए. इनमें कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
राज्यपाल की मंजूरी के बाद 48 घंटे में ही लागू कर दिया था धर्मांतरण कानून
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की ओर से बताया गया कि इस तरह के 28 केस दर्ज किए गए हैं. शिवराज सरकार ने धर्मांतरण कानून साल 2021 में 9 जनवरी को लागू किया था. सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 को राज्यपाल की मंजूरी के बाद 48 घंटे में ही लागू कर दिया था.
मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरु हुआ. विधानसभा में हाल ही में दिवंगत हुए मौजूदा और पूर्व विधायकों सहित पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली विस्फोट और कोविड-19 की दूसरी लहर में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही को एक दिन के स्थगित कर दिया गया.