बाढ़ से पूरी तरह टूटे 450 मकान बनाने सरकार देगी 1.13 लाख रुपए, ग्रामीण बोले- इत्ते में तो एक कोठा न बन रओ

  • ग्रामीण बोले- ऊंट के मुंह में जीरा है राहत राशि
  • इंदुर्खी गांव में ही 242 मकान क्षतिग्रस्त, इनमें से 112 पूरी तरह धराशायी, अनाज-कपड़े भी बहे

सिंध नदी में आए उफान से 450 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सरकार तात्कालिक राहत के ताैर पर इन परिवाराें काे छह हजार रुपए की सहायता प्रदान कर रही है। साथ ही नए सिरे से आशियाना बसाने के लिए सरकार आवास योजना और मनरेगा के तहत करीब एक लाख 13 हजार रुपए देने की बात कह रही है लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि यह ऊंट के मुंह में जीरा के समान है।

इंदुर्खी निवासी लक्ष्मी बाई कहती हैं कि इत्ते में तो एक कोठाऊ न बनेगो। कम से कम ढाई लाख रुपया तो दे सरकार, जासे कम से कम दो कोठा बन जाएं। ऐसे कब तक चौरे में डले रएं। बता दें कि सिंध नदी के किनारे के गांवों में बाढ़ से हुई तबाही देखने के लिए 20 अगस्त शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान संभवतः भिंड आ रहे हैं। इससे पहले प्रदेश के राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया ने कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस और एसपी मनोज कुमार सिंह के साथ इंदुर्खी गांव में बाढ़ से हुई तबाही देखने पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि सरकार उनके नुकसान की पूरी भरपाई करेगी।

छह माह पहले ही बनवाया था मकान, बाढ़ में ढह गया

इंदुर्खी के ऊदल कुशवाह बताते हैं कि उन्होंने छह महीने पहले ही गांव में पक्का मकान बनवाया था। बाढ़ में मकान की छत धराशायी हो गई। दीवारों में क्रेक आ गए। अब उनके पास सिर छिपाने के लिए छत नहीं है। यह बताते हुए ऊदल की आंखे नम हो गईं। गांव की डोलीदेवी कहती हैं कि बाढ़ के पानी ने उन्हें इतना भी समय नहीं दिया कि वे पहनने के कपड़े भी निकाल लेतीं। 60 वर्षीय लज्जाराम कहते हैं कि बाढ़ से गांव में क्या नुकसान हुआ है, यह बताने की जरूरत नहीं है। सब दिख रहा है।

ग्रामीण बोले- मंत्रीजी जे पुल ऊंचों कराए देओ

मंत्री ओपीएस भदौरिया इंदुर्खी गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने अपनी पीड़ा उनके सामने बतानी शुरू कर दी। इसी बीच गांव एक बुजुर्ग ढरेले बाथम मंत्री से बोले- मंत्रीजी कछु करो जे पुल ऊंचो कराए देओ। तासे एसी विपदा दुबारा न आवे। ग्रामीणों के अनुसार, इंदुर्खी कछपुरा के बीच जो पुल बाढ़ के पानी से बहा है, उसकी ऊंचाई कम होने के कारण भी गांव में बाढ़ आई। इसके पीछे वजह यह थी कि नदी का जो फाट था, उसे छोटा कर पुल का निर्माण किया गया, जिससे पानी गांव की ओर लौटा।

बाढ़ के पानी में बह गईं 64 सड़कें, 22 पुल पुलिया

अगस्त महीने के पहले सप्ताह में सिंध, चंबल, बेसली और क्वारी नदी में आए एक साथ उफान की वजह से जिले की 64 सड़कें और 22 पुल पुलिया पानी में बह गई। इनकी मरम्मत के लिए 13.8 करोड़ रुपए की डिमांड शासन को भेजी है। इनमें 24 सड़कें और 22 पुल पुलिया ग्रामीण विभाग की है, जिसके लिए 1.80 करोड़ रुपए मांगे गए हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की 30 और पीडब्ल्यूडी की 10 सड़कें हैं, जिनके लिए 12 करोड़ रुपए मांगे गए हैं।

सभास्थल और हेलीपेड के लिए देखा स्थल

इंदुर्खी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम के लिए मंत्री ने अफसरों के साथ गांव में जगह देखी। साथ ही उन्होंने गौरई गांव में बनाए जा रहे हेलीपेड का भी निरीक्षण किया। इस दौरान कलेक्टर, एसपी ने प्रशासनिक अधिकारियों को गांव के रास्ते ठीक कराने आदि के निर्देश दिए। वहीं लहार एसडीएम आरए प्रजापति के अनुसार इंदुर्खी गांव में 112 मकान पूरी तरह ध्वस्त हुए हैं जबकि 130 मकान गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हैं। इसके अलावा 210 मकानों भी मामूली क्षति पहुंची हैं।

जीवन में इतना वीभत्स दृश्य कभी नहीं देखा

बाढ़ की भयावहता सभी के सामने है। मैंने अपने जीवन में इतना वीभत्स दृश्य नहीं देखा है। सारे लोग बेघर हो गए हैं। तीन तारीख को अंदाजा नहीं था कि इतनी बड़ी प्रलय आएगी। प्रशासन को धन्यवाद कि कोई जनहानि नहीं हुई है। लोगों को फौरी राहत पहुंचाई जा रही है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री यहां आ रहे हैं, वे राहत राशि देंगे। बाढ़ पीड़ितों को शासन के मापदंड के अनुसार सवा लाख रुपए के अलावा शौचालय आदि योजनाओं के तहत पैसा दिया जाएगा।
ओपीएस भदौरिया, राज्यमंत्री, मप्र शासन

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