रेत का खेल:पावर मेक: हमारे ड्रायवराें से मारपीट की जा रही है प्रशासन: ड्रायवर को सामने बुलाओ, किसी ने नहीं मारा
- रेत से भरी गाड़ियों को पकड़ने को लेकर प्रशासन और पावर मेक के डायरेक्टर के बीच हुआ विवाद
- कांग्रेस प्रवक्ता ने वीडियो जारी किया तो अब अफसरों से जवाब देते तक नहीं बन रहा
इटावा रोड पर कनकूरा के निकट स्थित खनिज विभाग के नाका पर प्रशासन और पावर कंपनी के डायरेक्टर के बीच विवाद हो गया। इस विवाद में पावर कंपनी के डायरेक्टर ने कहा कि उनके ड्रायवरों के साथ मारपीट की जा रही है। जबरन उन्हें परेशान किया जा रहा है। प्रशासन ने आरोप की सफाई देते हुए कहा कि कोई मारपीट नहीं की गई है। आप ड्रायवरों को सामने बुलाएं। दोनों में खूब गर्मागर्मी हुई। प्रशासनिक अधिकारियों ने धमकी देते हुए कहा कि इनका (पावर कंपनी के डायरेक्टर) नाम नोट कर लो, अभी एफआईआर दर्ज कराते है, लेकिन बाद में ऐसा कुछ नहीं हुआ। वहीं इस पूरे विवाद का वीडियो रविवार की शाम कांग्रेस के प्रवक्ता अनिल भारद्वाज ने जारी कर दिया, जिसके बाद कार्रवाई करने पहुंचे अधिकारियों पर जवाब देते नहीं बन रहा है।
दरअसल जिले में रेत उत्खनन का ठेका पावर मेक कंपनी पर है। पिछले दिनों शासन से कुछ शर्तों को लेकर पावर कंपनी की बिगड़ गई, जिसके बाद शासन ने उनका ठेका निरस्त कर दिया। हालांकि बाद में शासन स्तर से उन्हें डंप से रेत उठाने की अनुमति प्रदान कर दी गई। ऐसे में कंपनी अब डंप रेत उठाकर बेच रही है। शनिवार की रात करीब 10.30 पावर मेक कंपनी की तीन गाडियों को कनकूरा के निकट स्थित माइनिंग नाके पर प्रशासन ने रोक लिया गया, जिसके बाद यह विवाद की स्थिति निर्मित हुई।
वीडियो में रात को धमकी, इनका पर एफआईआर कराएंगे, सुबह कुछ नहीं हुआ
कांग्रेस के प्रवक्ता अनिल भारद्वाज द्वारा जारी किए गए 1 मिनट 29 सैकंड के वीडियो में पावर मेक कंपनी के डायरेक्टर विजय हर्षमुल्ली कह रहे हैं कि उनके ड्रायवरों के साथ मारपीट की गई, इसलिए उन्हें रात में आना पड़ा। मेरा गोहद का डंप हैं वहां से गाड़ी भरकर आई, आपने ड्रायवर को मार-मार के उससे बुलवाया कि वह वहां से नहीं आया। इसी दौरान विजय अपना नाम बताते हैं, इसके बाद वह व्यक्ति बोलता है कि संतोष इनका नाम नोट करो, इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे। विजय कहते हैं कि आप एफआईआर नहीं अंदर कर दीजिए। हमारी गलती है कि हम आपके राज्य में काम करने आए। हमने शासन को पैसा दिया, नंबर एक में काम कर रहे हैं। इसी दौरान विजय से कहा जाता है कि आप ड्रायवरों को बुलाएं। विजय उनसे कहते हैं कि वे ड्रायवर आपके सामने आएंगे। दोनों ही पक्षों में बहस के दौरान पटवारी संतोष सिंह कहते हैं कि आराम से भी बात कर सकते हैं। विजय बोलते हैं कि हम सर करके बात कर रहे हैं। शाम छह बजे कांग्रेस प्रवक्ता ने एक दूसरा वीडियो जारी किया, जिसमें ड्राइवर साफ कह रहे कि हम मटियावली आैर अजनार से रेत भरकर लाए हैं।
10 दिन पहले ही पकड़े थे कंपनी के ट्रक
10 दिन पहले 19 अगस्त को भिंड विधायक संजीव सिंह कुशवाह की सूचना पर भिंड एसडीएम उदय सिंह सिकरवार ने ऊमरी से पावर मेक कंपनी की 16 गाडिय़ां पकड़ी थीं। यह सभी गाडिय़ां गोहद की रायल्टी पर लहार क्षेत्र की खदानों से रेत भरकर ला रही थी। वहीं इस कार्रवाई के अगले दिन प्रशासन ने पावर मेक कंपनी के सभी रायल्टी नाकों को सील कर दिया था।
गोहद के बजाय मटियावली से ला रहे थे रेत
प्रशासन के अनुसार पावर मेक कंपनी की जो गाडिया पकड़ी गई थी, वे गोहद की रायल्टी पर मटियावली से रेत भरकर ला रहे थे। पटवारी संतोष सिंह ने बताया कि यह बात खुद ट्रक ड्रायवरों ने स्वीकार की है। कार्रवाई के बाद कंपनी के डायरेक्टर विवाद करने के लिए माइनिंग नाके पर आ गए। उनके साथ तहसीलदार अरविंद शर्मा और प्रभारी माइनिंग अधिकारी राकेश देशमुख भी मौजूद थे।
पावरमेक कंपनी गलत तो कार्रवाई क्यों नहीं की गई ?
गोहद की रायल्टी पर जिले की दूसरी खदानों से रेत भरकर बेच रही पावर मेक कंपनी पर कार्रवाई करने के लिए तहसीलदार अरविंद शर्मा, माइनिंग अधिकारी राकेश देशमुख ने प्रशासनिक अमले के साथ कनकूरा के पास तीन ट्रक रोक लिए। वहीं ट्रक ड्रायवरों ने यदि यह बात स्वीकार ली कि वे गोहद के बजाय दूसरी खदानों से रेत भरकर ला रहे हैं तो फिर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई। जब इस सवाल को लेकर तहसीलदार शर्मा से संपर्क किया गया तो उन्होंने दो मिनट बाद बात करने के लिए कहा, लेकिन उसके बाद फोन नहीं उठाया। वहीं माइनिंग अधिकारी ने भी फोन रिसीव नहीं किया। जबकि पटवारी संतोष सिंह का कहना था कि वे अधिकारियों के आदेश पर काम करते हैं।
दबाव बनाने के लिए की जा रही कार्रवाई
पड़ोसी जिले के ठेकेदार की मदद करने के लिए प्रशासन हमें परेशान कर रहा है। नाके पर एंट्री देने के लिए मना किया है, इसलिए हमारे ड्रायवरों के साथ मारपीट की गई।
– विजय हर्षमुल्ली, डायरेक्टर पावर मेक कंपनी
मामले की जांच के बाद लेंगे दोषी पर एक्शन
मामले की जानकारी नहीं है। यदि ऐसा हुआ है तो पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। जो भी गलत होगा उसके विरुद्ध एक्शन लिया जाएगा। – डॉ सतीश कुमार एस, कलेक्टर