bhind 2 हजार से ज्यादा कर्मचारियों पर 5% तबादले का नियम… जिले में 8 हजार शिक्षकों में से 2 हजार के ट्रांसफर, सभी के आदेश भी अलग
- जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से अलग-अलग जारी किए गए शिक्षकों के तबादला आदेश
- तबादला नीति को ताक पर रखकर शिक्षा विभाग में शिक्षकों के थोकबंद तबादले, पकड़ में न आए
प्रदेश सरकार की स्थानातंरण नीति को ताक पर रखकर शिक्षा विभाग में शिक्षकों के थोकबंद तबादले कर दिए गए हैं। स्थानांतरित शिक्षकों के नाम एक सूची में एक साथ जारी न करते हुए अलग-अलग आदेश निकाले गए हैं।
आदेश में यह भी जिक्र नहीं किया गया है कि संबंधित का स्थानांतरण प्रशासनिक किया गया या स्वेच्छा से। राजस्व विभाग में कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने भी 31 जुलाई को 45 पटवारियों के तबादला किए थे, तब सभी पटवारियाें की एक सूची जारी की थाी और प्रत्येक नाम के आगे स्पष्ट लिखा कि तबादला प्रशासनिक है या स्वैच्छिक।
प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने 24 जून को राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियों-कर्मचारियों के स्थानातंरण को लेकर नीति जारी की थी, जिसकी कंडिका 13 के अनुसार प्रत्येक पद/ संवर्ग में 2 हजार से अधिकतम पर 5 प्रतिशत तबादले किए जाने का उल्लेख है। शिक्षक संवर्ग में भिंड में करीब 8 हजार शिक्षक हैं। नई तबादला नीति के अनुसार सिर्फ 400 शिक्षकों के ही तबादले किए जा सकते हैं लेकिन शिक्षा विभाग ने अलग-अलग आदेश जारी कर बड़ी संख्या में शिक्षकों के तबादले कर दिए हैं। विभाग के जानकारों और तबादला आदेशों के जावक नंबरों पर गौर किया जाए तो 2 हजार से अधिक तबादले होने की बात सामने आ रही है, यानी तबादला नीति के कंडिका 13 को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया गया है। मनमानी तरीके से किए गए इन तबादलों के कारण शिक्षक भी हैरान हैं।
आवेदन किया ही नहीं, पोर्टल पर आ रहा- आवेदन को दी वरीयता
- स्थानातंरण नीति की कंडिका 20 को किया अनदेखा: 31 जुलाई को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से शिक्षकों के स्थानातंरण आदेश जारी किए गए लेकिन स्थानांतरित सभी शिक्षकों के नाम एक सूची में जारी न कर अलग-अलग आदेश निकाले गए। इन आदेशों में यह भी उल्लेख नहीं किया गया कि शिक्षक का तबादला प्रशासनिक हुआ है अथवा स्वैच्छिक। सरकार की नई स्थानातंरण नीति की कंडिका 20 के अनुसार स्वयं के व्यय पर रिक्त पद अथवा परस्पर किए गए स्थानातंरण तथा प्रशासनिक कारणों से किए गए स्थानातंरण संबंधी आदेश अलग- अलग जारी किए जाने चाहिए।
- आवेदन न करने पर भी तबादला: जिन शिक्षकों के तबादले हुए हैं, उनमें ज्यादातर के संबंध पोर्टल पर आ रहा है कि आपके द्वारा किए गए आवेदन को वरियता के आधार पर स्थानातंरण किया गया है जबकि कई शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने तबादले के लिए कोई आवेदन ही नहीं किया था। हालांकि यदि ऐसे शिक्षकों के तबादले प्रशासनिक दृष्टिकोण से किए जा सकते हैं लेकिन स्थानांतरण नीति के कंडिका 14 के तहत वरिष्ठता के क्रम में किए जाने चाहिए। किसी संस्था से किसी एक शिक्षक को स्थानांतरित किए जाना है तो यह देखा जाए वहां पहले से कौन पदस्थ है लेकिन इस नियम को भी अनदेखा किया गया है। शासकीय माध्यमिक नहटोली में पदस्थ शिक्षक संतोष शर्मा, माध्यमिक स्कूल अम्हलेड़ा में पदस्थ अमित कुमार और हायर सेकेंडरी स्कूल में पदस्थ राजीव शर्मा को क्रमशः खैराली, अंतियन का पुरा और जखमोली भेजा गया है जबकि इनका कहना है कि उन्होंने तबादले के लिए आवेदन ही नहीं किया। साथ ही उनके विद्यालयों में उनसे कई वरिष्ठ शिक्षक पदस्थ हैं।
स्थानातंरण के विरुद्ध अभ्यावेदन भी नहीं दे पा रहे शिक्षक
मंगलवार को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से जारी हुए शिक्षकों के थोकबंद तबादला आदेशों से शिक्षक भी हैरान है। कई शिक्षक तो यह समझ ही नहीं पा रहे हैं कि आखिर उनका तबादला किस वजह से हो गया। इस स्थानातंरण आदेश के विरुद्ध अभ्यावेदन भी वे प्रस्तुत नहीं कर पा रहे हैं। कारण यह कि अभ्यावेदन (आवेदन) विभाग प्रमुख (डीईओ) के माध्यम से विभागाध्यक्ष (प्रमुख सचिव) को भेजा जाना है लेकिन दो दिन से विभाग प्रमुख दफ्तर में ही नहीं बैठे हैं।