फिरोजाबाद में 12000 लोग डेंगू-वायरल से पीड़ित, अब तक 88 बच्चों समेत 114 ने तोड़ा दम, अस्पतालों में बेड के लिए परेशान मरीज
मजदूर ने बताया कि उसने प्राइवेट अस्पताल (Firozabad Hospital) से बच्चे का इलाज शुरू करने की काफी मिन्नत की,लेकिन पैसे नहीं होने की वजह से उनके बेटे को भर्ती नहीं किया गया.
यूपी के फिरोजाबाद में डेंगू (Firozabad Dengue) और वायरल फीवर का कहर जारी है. फिरोजाबाद में करीब 12 हजार मरीज अपना इलाज करवा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकरी दी है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पूरा जिला इन दिनों बीमारी की चपेट में है. पिछले 24 घंटों में चार और मरीजों की जान चली गई. रविवार तक डेंगू से मरने वालों की संख्या 114 पहुंच गई, जिनमें 88 बच्चे शामिल (88 Child Death) हैं.
पिछले हफ्ते NCDC की टीम ने फिरोजाबाद जिले (Firozabad Viral) में डेंगू के प्रकोप का खुलासा किया था. बीमारी की वजह से हaने वाली मौतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. वहीं प्रशासन बीमारी पर लगाम कसने के लिए दवा का छिड़काव करवा रही है. घर-घर जाकर सर्वे किए जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि फिरोजाबाद जिले में घरों और अस्पतालों में इन दिनों करीब 12 हजार मरीज डेंगू और वायरल से जूझ रहे हैं.
अस्पताल में बेड न मिलने से परेशान मरीज
रविवार को भी सरकारी अस्पतालों में मरीज बेड पाने के लिए संघर्ष करते दिखे. दरअसल निजी अस्पतालों में इलाज का खर्च बहुत ज्यादा है. हर कोई प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवा पाने में सक्षम नहीं है. वहीं सरकारी अस्पताल इन दिनों मरीजों से पूरी तरह से फुल हैं. रविवार को एक वीरपाल नाम के मजदूर ने इलाज न मिल पाने की वजह से अपने 5 साल के बेटे को खो दिया. पीड़ित ने बताया कि प्राइवेटट अस्पताल ने उनके बेटे को भर्ती करने के लिए 30 हजार रुपये एडवांस मांगे थे. लेकिन पैसे नहीं होने की वजह से वह उसे अस्पताल में भर्ती नहीं करा सके.
बीमार बच्चे को अस्पताल ने नहीं किया भर्ती
मजदूर ने बताया कि उसने प्राइवेट अस्पताल से बच्चे का इलाज शुरू करने की काफी मिन्नतें कीं लेकिन उनके बेटे को भर्ती नहीं किया गया. आखिरकार वह उसे लेकर फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज पहुंचे. लेकिन वहां भी स्टाफ ने उसे भर्ती नहीं किया. तेज बुखार से जूझते हुए बच्चे ने दम तोड़ दिया. वहीं मेडिकल कॉलेज के सीएमओ डॉ हंसराज का कहना है कि इस बारे में कोई भी आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई है. उन्होंने कहा कि वह लगातार बड़ी संख्या में मरीजों के लिए अस्पताल में बेड अरेंज कर रहे हैं.
वायरल और डेंगू का शिकार सबसे ज्यादा 15 साल से कम उम्र के बच्चे बन रहे हैं. अस्पताल में हर तरफ चीख-पुकार ही सुनाई दे रही है. वहीं कई लोग बेड न मिलने से परेशान नजर आ रहे हैं.