15 जनवरी तक करो शराबबंदी नहीं तो सड़क पर उतरूंगी’, शिवराज सरकार को उमा भारती का अल्टीमेटम

उमा भारती (UMA Bharti) ने ट्वीट कर कहा कि मध्य प्रदेश में शराबबंदी आसान है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा दोनों ही शराबबंदी करने में समर्थन में हैं.

बीजेपी नेता उमा भारती  ने शराबबंदी के मुद्दे (Uma Bharti On Liquor Ban) पर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.  उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर 15 जनवरी 2022 तक राज्य में शराब पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो वह सड़क पर उतरकर अभियान चलाएंगी. उमा भारती इससे पहले भी शिवराज सरकार (Shivraj Government)  से शराब पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी. अब तक शराब बेचने पर रोक नहीं लगाए जाने से बीजेपी नेता काफी नाराज हैं. इसीलिए उन्होंने शराबबंदी अभियान चलाने की चेतावनी दी है.

मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर 15 जनवरी 2022 तक अगर शराब पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो वह राज्य (P Liquor Ban) में शराबबंदी अभियान चलाएंगी. उमा भारती ने कहा कि ह कोई उग्र आंदोलन नहीं करने जा रही हैं. उनका शराबबंदी अभियान शांतिपूर्ण होगा. सड़क पर उतरकर वह राज्य सरकार से शराबबंदी की मांग करेंगी.

’15 जनवरी तक मध्य प्रदेश में लगे शराब पर प्रतिबंध’

बीजेपी नेता ने कहा कि 15 जनवरी से पहले वह नशा मुक्ति के लिए सामाजिक जागरूकता अभियान भी चलाएंगी. इसके साथ ही उमा भारती ने साफ किया कि शराब पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है और लगाना भी चाहिए. इसके साथ ही शिवराज सरकार को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि रेवेन्यू जुटाने के दूसरे रास्ते भी निकाले जा सकते हैं.

उमा भारती ने ट्वीट कर कहा कि मध्य प्रदेश में शराबबंदी आसान है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा दोनों ही शराबबंदी करने में समर्थन में हैं. दोनों ही शराब और नशा के खिलाफ हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे लट्ठ शब्द का प्रयोग करने का जरा भी रंज नहीं है. क्योंकि सरकार का सख्त कानून या महिलाओं का शक्तिशाली अभियान ही शराबबंदी कराएगा.

‘शराबबंदी हो वरना सड़क पर उतरूंगी’

उमा भारती ने कहा कि मध्य प्रदेश में रेप, छेड़खानी, दुर्घटनाएं, बीमारियां इन सबका मुख्य कारण शराब पीना है. शराबियों के खुलेआम सड़क पर घूमने से मध्य प्रदेश की बहन- बेटियां सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं, इसलिए मध्य प्रदेश जैसे शांतिप्रिय राज्य में शराबबंदी बहुत जरूरी है. अगर शराब पर प्रतिबंध नहीं लगा तो वह खुद सड़क पर उतरकर अभियान चलाएंगी

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