पूर्व मुख्यमंत्री बोलीं- ब्यूरोक्रेसी की औकात क्या है? वो हमारी चप्पलें उठाती है
असल बात ये है कि हम उसके बहाने अपनी राजनीति साधते हैं…..
भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का एक वीडियो सामने आया है। इसमें वे ब्यूरोक्रेसी को लेकर विवादास्पद बयान दे रही हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे पता है कि ब्यूरोक्रेसी हमारी चप्पल उठाती है। यह कौम तो हमारी चप्पलें उठाने वाली होती है। ब्यूरोक्रेसी नेताओं को घुमाती है, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। मैं मध्यप्रदेश की CM और केंद्र में मंत्री रही हूं। ब्यूरोक्रेट वही फाइल लेकर आते हैं, जो उन्हें बता दिया जाता है कि इसमें करना क्या है?’
उमा भारती का यह वीडियो 19 सितंबर का बताया जा रहा है। इस दिन ओबीसी महासभा के प्रतिनिधिमंडल ने उमा भारती से भोपाल स्थित उनके बंगले पर मुलाकात की थी। प्रतिनिधि मंडल ने ओबीसी की जातिगत जनगणना और प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण को लेकर उमा भारती को 5 सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा था।
इस दौरान उन्होंने कहा, ‘ब्यूरोक्रेसी की औकात क्या है? हम उन्हें तनख्वाह दे रहे हैं। हम उन्हें पोस्टिंग दे रहे हैं। हम उन्हें प्रमोशन और डिमोशन दे रहे हैं। उनकी कोई औकात नहीं है। असली बात है कि हम ब्यूरोक्रेसी के बहाने से अपनी राजनीति साधते हैं। यदि आरक्षण का लाभ चाहिए है तो कर्नाटक के लिंगायतों की तरह एकजुट होना पड़ेगा।’
प्राइवेट सेक्टर में रिजर्वेशन मिले तभी फायदा
उमा भारती ने आगे कहा कि आरक्षण से कुछ हासिल नहीं होगा। जब तक प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण नहीं मिलेगा, तब तक कोई फायदा नहीं होगा। सरकारों ने जमीन तक प्राइवेट सेक्टर को सौंप दी है। अब आरक्षण के लिए प्राइवेट सेक्टर पर दबाव बनाओ।
दरअसल, ओबीसी महासभा ने चेतावनी दी कि मध्यप्रदेश सरकार को उनकी मांगों पर जल्द से जल्द फैसला लेना होगा। नहीं तो बीजेपी के सांसद, विधायक और मंत्रियों का पुरजोर विरोध किया जाएगा। ओबीसी महासभा ने बिहार और यूपी में जातिगत जनगणना की मांग उठने पर मध्यप्रदेश में भी आवाज उठाने को लेकर उमा भारती से अनुरोध किया था।