गोरखपुर में पुलिस ने युवक को पीट- पीटकर मार डाला
कानपुर से गोरखपुर घुमने आए थे तीन दोस्त, होटल में आधी रात चेकिंग करने गई पुलिस ने शुरू कर दी पिटाई; एक की मौत..
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में मंगलवार को पुलिस का एक बड़ा कारनामा सामने आया है। यहां कानपुर और हरियाणा के गुड़गांव से गोरखपुर घुमने आए तीन दोस्तों में एक को रामगढ़ताल पुलिस ने पीट- पीटकर मार डाला। युवक का कसूर सिर्फ इतना था कि आधी रात को होटल में चेकिंग करने पहुंची पुलिस से युवक पूछ बैठा, इतनी रात में यह चेकिंग का क्या तरीका है? क्या हम लोग आतंकवादी हैं?
सिर्फ इतना पूछना उन्हें भारी पड़ गया। आरोप है कि इंस्पेक्टर रामगढ़ताल जेएन सिंह और फलमंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्र ने दो युवकों को पहले पीटते हुए बाहर कर दिया, इसके बाद होटल का कमरा बंद कर तीसरे युवक को इतना पीटा कि उसकी वहीं मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। इसके बाद पुलिस उसे अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आज गोरखनाथ मंदिर और चिड़ियाघर घुमने की थी प्लानिंग
वहीं, घटना के बाद पुलिस अधिकारी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। डीआईजी जे रविंद्र गौड़ ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, सिकरीगंज के महादेवा बाजार के रहने वाले चंदन सैनी ने बताया कि वह बिजनेस करते हैं। उनके तीन दोस्त गुड़गांव से प्रदीप चौहान(32) और हरदीप सिंह चौहान(35) जबकि कानपुर से मनीष गुप्ता(35) गोरखपुर घुमने आए थे।
चंदन के मुताबिक सभी दोस्त रियल इस्टेट और अन्य बिजनेस करते हैं। फोन पर बात होने के दौरान चंदन अपने दोस्तों को हमेशा गोरखपुर में हो रहे विकास के बारे में बताते रहते थे। काफी दिनों से प्लानिंग थी कि एक बार गोरखपुर घुमने जरूर आएंगे। लॉकडाउन की वजह से पहले आ नहीं सके।
रात 12.30 बजे चेकिंग करने पहुंची थी पुलिस
इस बीच तीनों की गोरखपुर घुमने की प्लानिंग बन गई। सोमवार को तीनों अपने दोस्त चंदन सैनी से मिलने और घुमने गोरखपुर पहुंचे। चंदन ने दोस्तों को रामगढ़ताल इलाके के एलआईसी बिल्डिंग के समीप स्थित होटल कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 में ठहराया था। आरोप है कि सोमवार की रात करीब 12.30 बजे रामगढ़ताल पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची। इंस्पेक्टर जेएन सिंह, फलमंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा के अलावा थाने की अन्य फोर्स साथ में थी। होटल के कमरे का दरवाजा नॉक कर खुलवाया। पुलिस के साथ होटल का रिशेप्शनिस्ट भी था। पुलिस वालों ने बोला कि चेकिंग हो रही है। सभी अपनी आईडी प्रूफ दिखाओ।
चेकिंग की बात पूछने पर बौखला गए पुलिस वाले
तीनों में हरदीप ने खुद का और अपने साथी प्रदीप चौहान की आईडी दिखा दी। जबकि मनीष सो रहे थे। प्रदीप ने उन्हें आईडी दिखाने के लिए नींद से जगाया। इतने पर प्रदीप वहां मौजूद पुलिस वालों से बोल बैठा, इतनी रात में यह चेकिंग किस बात की हो रही है। हम लोग क्या आतंकवादी हैं? सोते हुए इंसान को आप लोग उठाकर डिस्टर्ब कर रहे हैं। आरोप है कि इतने पर ही पुलिस वाले बौखला गए। आरोप है कि पुलिस वालों ने शराब पी रखी थी।
आरोप है कि इंस्पेक्टर जेएन सिंह और अक्षय मिश्रा ने इतने पर उन्होंने पीटना शुरू कर दिया। हम दोनों को पीटते हुए कमरे से बाहर ले गए। कुछ ही देर बाद देखा कि पुलिस वाले साथी मनीष गुप्ता को घसीटते हुए बाहर लेकर आए, वह खून से लथपथ था। इसके बाद पुलिस वाले मनीष को अस्पताल ले गए। जहां उसकी मौत हो गई।
माता- पिता का इकलौता बेटा था मनीष
पुलिस वाले दोबारा आए थे तो सभी ने अपनी नेम प्लेट भी हटा ली थी। चंदन सैनी ने बताया कि मृतक दोस्त कानपुर का रहने वाला है। घटना की सूचना उसके परिवार को दे दी गई है। परिवार के लोग गोरखपुर पहुंच रहे हैं। मनीष अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। 5 वर्ष पहले ही उसकी शादी हुई थी। परिवार में उसके बीमार पिता और पत्नी के अलावा उसका एक 4 साल का मासूम बेटा है। मां की कुछ दिनों पहले मृत्यु हो चुकी है।