सड़क सुधार पर हर साल 100 करोड़ खर्च, फिर भी जनता को मिल रहे गड्‌ढे

  • डामर की 825 किमी सड़कों में आधी तो 2800 किमी सीमेंटेड में 20% जर्जर, 5 हजार से ज्यादा गड्‌ढे
  • 170 करोड़ रु. निगम ने इस बार सड़कों के मेंटेनेंस को रखे

इसके बावजूद शहर की सड़कों पर 5 हजार से ज्यादा गड्‌ढे हैं। डामर की 825 किमी सड़कों में आधी तो 2800 किमी सीमेंटेड सड़कों में 15 से 20 फीसदी खराब हो गई हैं। दूसरा एक बड़ा मुद्दा पैंचवर्क का है। कहीं गड्‌ढा या खुदाई होने पर निगम कहीं सीमेंट तो कहीं गिट्‌टी, मुरम-मिट्‌टी लगा देता है।

लेकिन ये सड़कें नहीं उखड़ती, जबकि 16 साल पहले बनाई गई थीं

शहर में डामर की चार सड़कें सबसे ज्यादा टिकाऊ हैं। इनमें हाई कोर्ट सेे मालवा मिल तक वायएन रोड, एलआईजी से परदेशीपुरा, आरएनटी व एमजी रोड शामिल हैं। इन सड़कों को निगम ने 2001 से 2004 के बीच बनी था। अब तक न तो ये बहुत ज्यादा उखड़ी हैं, न गड्ढे हुए हैं। इसके बाद निगम व आईडीए की बनाई एमआर-10 (बापट चौराहा सेे रेडिसन चौराहा), पूर्वी-पश्चिमी रिंग रोड व बीआरटीएस कॉरिडोर पर हर साल गड्‌ढे होते हैं।

बायपास : 325 करोड़ खर्च के बाद भी न सर्विस रोड सुधार पाए, न व्यवस्थित एंंट्री दे पाए, तेजाजी नगर सड़क बदहाल

  • शहर का एकमात्र बायपास 325 करोड़ से बना लेकिन सफर गड्ढों, कीचड़ और धूल से भरा होता है।
  • राऊ बायपास से दाएं ओर 31 किमी लेन तो बाएं ओर 26 किमी लेन में 3 से 4 फीट के गड्‌ढे हैं।
  • तेजाजी नगर से कनाड़िया सर्विस रोड उखड़ी। चौराहे पर गड्ढे हैं। देवगुराड़िया अंडरपास पर जाम।
  • बिचौली से एमआर-10 वाले हिस्से में कई जगह गड्ढे। वाहन रॉन्ग साइड से निकलते हैं।
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