9 ब्लैक स्पॉट पर 18 एक्सीडेंट रिलीफ वार्डन नियुक्त
- सड़क हादसों मेंं मौतों की संख्या कम करने के लिए पुलिस ने दी ट्रेनिंग….
सड़क हादसों में मौतों के आंकड़े को कम करने के लिए पुलिस ने शहर के 9 ब्लैक स्पॉट पर 18 एक्सीडेंट रिलीफ वार्डन नियुक्त किए हैं। ये वार्डन हादसे के बाद घायल को अस्पताल भेजने की व्यवस्था करेंगे और तत्काल पुलिस को सूचना देंगे। इसके लिए रविवार को बाल भवन में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। 27 सितंबर के अंक में दैनिक भास्कर ने यह खुलासा किया था कि राजधानी भोपाल में हादसों की संख्या ग्वालियर से ज्यादा होने के बाद भी हादसों में मौतों की संख्या ग्वालियर में ज्यादा है।
शहर के ब्लैक स्पॉट पर तैनात वार्डन को हादसे के बाद घायल की जान बचाने के लिए गोल्डन अवर्स में मदद कर जान बचाने के ट्रेनिंग दी जाएगी। यह वार्डन क्षेत्र में होने वाले हादसों की पुलिस व एंबुलेंस को सूचना देंगे और घायल को राहत व तात्कालिक उपचार भी देंगे। वार्डन के पास ब्लैक स्पॉट के पास के अस्पताल व डॉक्टर की सूची रहेगी।
रविवार को बाल भवन में पुलिस महानिरीक्षक अविनाश शर्मा, एसपी अमित सांघी, एएसपी हितिका वासल की मौजूदगी में प्रशिक्षित डॉक्टर ने ट्रेनिंग दी और एक्सीडेंट रिलीफ किट के साथ ही पहचान-पत्र दिए। कार्यक्रम में आईजी अविनाश शर्मा ने कहा, दुर्घटना में मदद करने वालों कोे कानूनी पेचीदगियों से बचाया जाए। मददगार की इच्छा न हो तो गवाही में शामिल न किया जाए।
गुड सेमेरिटन लॉ (नेक दिल नागरिक कानून) की जानकारी दी। इन्होंने दी ट्रेनिंग: एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में सीएसपी मुरार डॉ. रिषीकेश मीना, मेडिकल कॉलेज के डॉ. जितेंद्र अग्रवाल, डॉ. सौरभ श्रीवास्तव, पुलिस लाइन से डॉ. अनुपम कुलश्रेष्ठ, डॉ. सलोनी जैन, डॉ. महिमा सेंगर ने एक्सीडेंट रिलीफ वार्डन को प्रशिक्षण दिया। वार्डन को एसोसिएशन ऑफ ग्वालियर यूथ के अध्यक्ष संजय कट्ठल ने फर्स्ट एड बॉक्स सामग्री के साथ वितरित किए।
9 ब्लैक स्पॉट पर 3 साल में 67 हादसे, 43 की मौत
जिले के ब्लैक स्पॉट रायरू चौराहा, रितुराज चौराहा, सिकरौदा तिराहा, जौरासी घाटी, सिमरिया टेकरी, गोला का मंदिर, लोहागढ़ तिराहा डबरा, हनुमान टॉकीज तिराहा व सागर ताल चौराहा बहोडापुर शामिल हैं। यहां 3 वर्ष में 67 हादसे हुए है। 43 लोगों की मौत हुई है।
हादसे के बाद क्या करें
डॉक्टर ने वार्डन को बताया कि हादसा होने पर सबसे पहले घायल व स्वयं को सड़क पर सुरक्षित करें। डायल 100 व एंबुलेंस 108 को फोन कर सूचना दें। यदि उसके सिर में चोट है और मुंह आदि से खून निकल रहा है तो उसे साइड से करवट दिलाने या उल्टा लिटाया जाए, जिससे खून उसकी श्वांस नली व फेफड़ों में जाकर उन्हें अवरुद्ध न कर सके। यदि घायल बेहोश है तो उसके सीने पर सावधानी से 15-15 पंपिंग और मुंह से अॉक्सीजन दें।