Gwalior : रेत का ठेका लेने वाली कंपनी ने तीन माह से नहीं जमा की किश्त, नाेटिस भी किया जारी

Gwalior  ग्वालियर, रेत के अवैध कारोबार को रोकने में सिस्टम नाकाम है। इस बार एक अप्रैल से पांच अक्टूबर तक रेत के अवैध परिवहन के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। इनकी संख्या 57 है। वहीं खनन के तीन ही मामले दर्ज किए गए हैं। इससे साफ है कि रेत का अवैध कारोबार जमकर हो रहा है, लेकिन खनन करने वाले टारगेट पर नहीं हैं। रेत का ठेका लेने वाली कंपनी ने पिछले तीन माह से किस्तें नहीं भरी हैं, जिनकी राशि छह करोड़ पचास लाख रुपये है। खनिज विभाग की ओर से नोटिस भी जारी किया गया है और पोर्टल भी बंद कर दिया गया है। अब कंपनी किस्त जमा करने के बाद ही रेत का कारोबार कर सकेगी। एक अक्टूबर से खनन पर लगा प्रतिबंध हट गया है तो अब अवैध कारोबार का खेल और बढ़ेगा। संभागायुक्त और आइजी की मौजूदगी में हाल ही में हुई बैठक में रेत की जांच के लिए चेक पोस्ट लगाने पर सहमति बनी थी और सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए भी कहा था, लेकिन ऐसा हकीकत में कुछ नहीं हो सका।ग्वालियर जिले में रेत की खदानों का ठेका एमपी सेल्स कंपनी के पास है जो मनोज अग्रवाल के नाम पर है। ठेका 30 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष के हिसाब से तीन साल के लिए हुआ है। पिछले तीन माह से किराया जमा नहीं कराया गया है। पोर्टल बंद होने के कारण कंपनी इटीपी जारी नहीं कर सकेगी जिसके आधार पर रेत का कारोबार किया जाता है।

यह है कार्रवाई की स्थितिः खनिज विभाग ने एक अप्रैल से पांच अक्टूबर तक अवैध उत्खनन के तीन प्रकरण दर्ज किए हैं। जिनमें एक लाख 62 हजार जुर्माना वसूला गया है। अवैध परिवहन के 57 प्रकरण दर्ज किए गए हैं जिनमें 19 लाख 50 हजार रुपये से ज्यादा की वसूली हुई है। अवैध भंडारण में प्रकरण का आंकड़ा शून्य है।

वर्जन-

रेत ठेका कंपनी को नोटिस जारी किया गया है। कुछ राशि उनके द्वारा जमा कराई गई है। पोर्टल बंद है।

कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर

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