MP में ‘लोकायुक्त’ पर बवाल …..कमलनाथ ने कहा- असली लोकायुक्त बनाएंगे

गृहमंत्री का दावा- लोकायुक्त ने कांग्रेस के भ्रष्टाचार की रिपोर्ट गवर्नर को भेजी;;;

मध्य प्रदेश उपचुनाव में लोकायुक्त की एंट्री हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पृथ्वीपुर में शनिवार को चुनावी सभा में कहा था कि कांग्रेस की सरकार आई तो असली लोकायुक्त बनाएंगे। इसके बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दावा किया है कि कमलनाथ ने यह बयान इसलिए दिया है, क्योंकि लोकायुक्त ने कमलनाथ सरकार के खिलाफ राज्यपाल को रिपोर्ट भेजी है। इसमें उनके 15 महीने के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का विवरण है।

गृह मंत्री ने यह भी कहा कि दतिया में कमलनाथ सरकार कार्यकाल में 15 महीने में 5 कलेक्टर बदल दिए गए। इसकी जांच भी लोकायुक्त ने की। इसमें भी कई अनियमितताएं मिली हैं। उन्होंने कहा कि कमलनाथ बौखला गए हैं। लोकायुक्त के खिलाफ अनर्गल टिप्पणियां कर रहे हैं। कमलनाथ और कांग्रेस को संवैधानिक संस्थाओं पर विश्वास नहीं रहा। लोकायुक्त जैसी विधिक प्रक्रिया से स्थापित संस्था के खिलाफ टिप्पणी आपत्तिजनक है।

कमलनाथ ने ये कहा था
कमलनाथ ने कहा था कि कांग्रेस की सरकार आएगी, तो हम असली लोकायुक्त बनाएंगे। इसका चयन हमारे देश के प्रसिद्ध डॉक्टर, वकील, शिक्षक करेंगे। सरकार नहीं करेगी। उन्होंने यह भी कहा था कि बुंदेलखंड की इतनी बड़ी योजनाएं थीं, कहां गया यह रुपया। कोई बता सकता है, कहां गया?

बीजेपी ने निर्वाचन आयोग से शिकायत
इस बयान पर बीजेपी ने सोमवार देर शाम निर्वाचन आयोग से शिकायत की है। बीजेपी चुनाव प्रबंधन समिति के समन्यक एवं नगरीय विकास व आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कमलनाथ का बयान आचार संहिता का उल्लंघन है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष संवैधानिक संस्थाओं का अपमान कर रहे हैं। चुनावी सभाओं में अधिकारी-कर्मचारियों को देख लेने की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग से इस पर कार्रवाई की मांग की है।

कमलनाथ सरकार कार्यकाल में लोकायुक्त संगठन में नियम विरुद्ध किए थे तबादले
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि कमलनाथ सरकार के दौरान (जनवरी 2019) में लोकायुक्त संगठन में एडीजी रैंक के अफसरों के तबादले नियमों को ताक पर रखकर किए गए थे। सरकार के एक आदेश के मुताबिक, 4 जनवरी 2019 को लोकायुक्त एडीजी रवि गुप्ता का इंदौर नारकोटिक्स में तबादला कर दिया था। इस पर लोकायुक्त एनके गुप्ता ने उन्हें कार्यमुक्त करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने सरकार को पत्र लिखकर आपत्ति जताई थी कि यह तबादला उनकी सहमति के बगैर किया गया है। कमलनाथ सरकार ने रवि गुप्ता की जगह बी मधुकुमार को यहां पदस्थ किया था।

इसी तरह, लोकायुक्त कार्यालय में संजय माने की जगह पदस्थ किए गए दूसरे पुलिस अफसर सुशोभन बनर्जी की जॉइनिंग नहीं कराई गई थी। तब लोकयुक्त डीजी अनिल कुमार ने कहा था कि इस बारे में लोकायुक्त ने आदेश नहीं दिया है। ये दोनों वही अफसर हैं, जिन्हें लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान कालेधन के लेनदेन करने का आरोप लगा है।

यह है नियम
लोकायुक्त संगठन के अधीन विशेष पुलिस पदस्थापना का काम करती है। संवैधानिक संस्था होने के कारण तबादले के लिए लोकायुक्त की सहमति अनिवार्य है। नियुक्ति करने से पहले पुलिस मुख्यालय को अधिकारियों का पैनल देना होता है।

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