डिजिटल पेमेंट के सारे दावे बेअसर…:रेलवे काउंटर्स पर क्यूआर कोड नहीं, यात्री परेशान

  • कैश नहीं होने से कई बार यात्रियों को बिना टिकट के ही लौटना पड़ता है ……

रेल मंत्रालय की डिजिटल पेमेंट योजना का फायदा यात्रियों को भोपाल मंडल के कई रेलवे स्टेशनों पर नहीं मि.ल पा रहा है। इसमें भोपाल और हबीबगंज स्टेशन भी शामिल हैं। इसका मुख्य कारण रेलवे स्टेशनों के टिकट काउंटरों पर क्यूआर कोड डिस्प्ले नहीं किया जाना है।

इस वजह से वे यात्री बिना टिकट बनवाए वापस लौट जाते हैं, जिनके पास कैश की व्यवस्था नहीं रहती। रेलवे ने बुकिंग ऑफिस स्टाफ को बिना ट्रेनिंग दिलवाए डिजिटल सिस्टम लागू कर दिया है। करीब दो महीने पहले सिस्टम को लागू करने के बाद से लेकर अब तक किसी भी बुकिंग ऑफिस पर क्यूआर कोड भी नहीं लगाए गए हैं।

केवल एक-एक काउंटर पर यह लिख दिया गया है कि क्रेडिट व डेबिट कार्ड से यहां पर भुगतान कर सकते हैं। लेकिन ट्रेंड स्टाफ न होने के कारण वह कार्ड से पेमेंट भी नहीं ले पाते। इस मामले में पश्चिम-मध्य रेल जोन के प्रवक्ता राहुल जयपुरियार का कहना है कि जल्द इस व्यवस्था के तहत किए जाने वाले कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।

अपने मोबाइल के माध्यम से सरकारी पैसे को क्यों वसूलें

टिकट चैकिंग स्टाफ के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि जब रेलवे द्वारा अब तक क्यूआर कोड की व्यवस्था नहीं की जा सकी है, तो हम सरकारी पैसे को अपने मोबाइल के माध्यम से क्यों वसूलें। यदि कोई विजिलेंस संबंधी चैकिंग हो जाए, तो समस्या में उलझ सकते हैं। इसलिए रेलवे को चाहिए कि वह जल्द से जल्द क्यूआर कोड उपलब्ध करवा दे, जिससे इस व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके।

यह भी दिक्कत… मशीनें दीं पर कनेक्टिविटी की समस्या भी…

रेलवे ने एसबीआई के सहयोग से अपने स्टाफ को चलती हुई ट्रेनों में टिकट बनाने व जुर्माना लेने के लिए पीओएस मशीनें तो दे दी हैं। लेकिन चलती ट्रेन के दौरान मशीनों को इंटरनेट से चलाने में समस्या आ रही है। इनमें लगाई गई सिम से नेटवर्क मिलने में समस्या आ रही है। इस वजह से भी स्टाफ द्वारा टिकट बनाने में रुचि नहीं ली जा रही है

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