इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट:मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन पर जोर, कलेक्टर बोले- ISBT स्टेशन के साथ कनेक्टिविटी को भी प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाया जाए

इंदौर में मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट का काम प्रगति पर है। इसे लेकर बुधवार को कलेक्टर मनीष सिंह की अध्यक्षता में मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक ली गई। इसमें कलेक्टर ने कहा कि मेट्रो प्रोजेक्ट में मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन का विशेष रूप से ध्यान दिया जाए। इसमें मेट्रो ट्रेन एवं केबल कार प्रोजेक्ट के इंटीग्रेशन के साथ-साथ मेट्रो स्टेशन का आईएसबीटी स्टेशन तथा इंदौर रेलवे स्टेशन के साथ कनेक्टिविटी को भी प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाया जाए। आगे आने वाले समय में बिना किसी बाधा के यात्रियों को सुविधाएं देना है तो उसमें मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन की खास भूमिका रहेगी।

बैठक में इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के एजीएम अनिल कुमार जोशी ने बताया कि मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के कामों के लिए डेडीकेटेड टीम नियुक्त की गई है जो जिला प्रशासन के साथ नियमित रूप से संपर्क में रहती है। इसके साथ ही मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के अधिकारियों की भी नियमित बैठकें ली जा रही है। उन्होंने बताया कि गांधीनगर से एमआर-10 तक बनाई जा रही मेट्रो लाइन का ऑपरेशनल राइट आईडीए द्वारा मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को दे दिया गया है। इसी तरह मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए गांधीनगर की जमीन के डिमार्केशन का काम प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। नैनोद स्थित 2.618 हेक्टेयर भूमि के कब्जे के संबंध में गांधी नगर हॉउसिंग सोसायटी द्वारा रेजोल्युशन पास कर दिया गया है। अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर ने बताया कि जल्द ही प्रशासन द्वारा इस जमीन का कब्जा एमपी मेट्रो को सौंप दिया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि उक्त जमीन में जिन लोगों की प्लॉट की रजिस्ट्री पहले से की जा चुकी है उन प्लॉट को छोड़कर बाकी की जमीन का कब्जा एमपी मेट्रो को सौंपा जाएं। बैठक में बताया गया कि खजराना के पास बनाए जा रहे हैं रिसीविंग सब स्टेशन को अब नगर निगम द्वारा एआईसीटीएसएल में 2500 वर्ग मीटर की जमीन पर बनाया जाएगा। नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने जल्द ही इसका प्रोजेक्शन एमपी मेट्रो को सौंपने की बात कही।

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