प्रदेश में मोनोपॉली पैटर्न के चलते सबसे महंगी देसी शराबी …11 डिस्टलरी के हाथों में प्रदेश की देसी शराब, सबके पसंदीदा इलाके

प्रदेश में शराब के मोनोपॉली पैटर्न पर लगाम कसने के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की कार्रवाई के चलते बड़े शराब कारोबारियों की मुसीबत बढ़ना तय है। सीसीआई देश में सबसे महंगी शराब बिकने और मोनोपॉली पैटर्न के सिंडीकेट की पड़ताल के लिए सरकार के शराब ठेकों की प्रक्रिया, फॉर्म, नीलामी और आवंटन तक के सारे रिकॉर्ड जब्त कर ले गई है।

प्रदेश में ऐसा सिस्टम बन चुका है कि डिस्टलरी से लेकर शराब दुकान पर उपभोक्ता के पास जाने तक सारे दाम सिंडीकेट तय करता है। ये सामने आया है कि शराब डिस्टलरियों को उनकी पसंद के हिसाब से 52 जिलों (इलाके) में शराब सप्लाई का काम मिलता है। इन्हीं डिस्टलरियों से जुड़ी कंपनियों के पास जिलों में अधिकांश रिटेल शराब दुकानों के ठेके है, जिससे दाम फिक्स होते है।

सीसीआई की टीमों ने बुधवार काे अलग-अलग 11 डिस्टलरी के दफ्तरों पर एक साथ दबिश देकर 24 घंटे से ज्यादा पड़ताल की है। सीसीआई का सारा फोकस मोनोपॉली पैटर्न से देसी महंगी शराब के उत्पादन और बिक्री जैसे तथ्यों की पड़ताल का है। टीम ने जांच के दाैरान सभी डिस्टलरी के दफ्तरों में सारे मोबाइल, गैजेट्स लेने के साथ ही किसी बाहरी की एंट्री तक रोक दी थी।

सीसीआई ठेकों की प्रक्रिया व आवंटन का रिकॉर्ड ले गई

अब तक क्या हुआ

सीसीआई ने इंदौर, भाेपाल, ग्वालियर, सागर, छिंदवाड़ा, राजगढ़, मक्सी, बड़वाह, धार में डिस्टलरी के दफ्तरों पर छापे मारे हैं। ये कार्रवाई इंदौर में ग्रेट गेलन वेंचर्स, अग्रवाल डिस्टलरी, ओएसिस डिस्टलरी के दफ्तरों में हुई। भोपाल में सोम डिस्टलरी, ग्वालियर में बापना, छिंदवाड़ा में गुलशन पोलियोल्स, सागर में डीसीआर डिस्टलरी, राजगढ़ में विंध्याचल डिस्टलरी के यहां भी टीम पहुंची। इनमें से दो डिस्टलरी से जुड़ी जांच के लिए आयकर विभाग की टीम भी पहुंच चुकी है।

प्रदेश में शराब की खपत

  • 899 लाख​​​​​​​ प्रूफ लीटर देसी शराब की खपत हुई प्रदेश में 2020-2021 में।​​​​​​​
  • 9520​​​​​​​ कराेड़ ​​​​​​​रुपए में प्रदेश में देसी-विदेशी शराब दुकान के ठेके गए हैं।​​​​​​​

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