लंबी उम्र के लिए:वन विहार में 70 साल के तीन हजार पेड़ों में माइक्रो न्यूट्रीएंट्स वाली खाद डालकर सुधारी जा रही सेहत, इससे ये पेड़ 500 साल जीएंगे
वन विहार प्रबंधन इन दिनों बुजुर्ग वन्य प्राणियों के साथ अपने यहां के बुजुर्ग पेड़ों की सेहत की भी देखभाल कर रहा है। वन विहार का पूरा इलाका पथरीला है। यहां पर तकरीबन 3000 पेड़ ऐसे हैं जिनकी उम्र करीब 70 वर्ष से अधिक है। इन पेड़ों की उम्र 500 साल हो, इसके लिए माइक्रो न्यूट्रीएंट्स वाली खाद दी जा रही है।
वहीं, पेड़ों की जड़ काे मजबूती देने के लिए तनों से दो से तीन मीटर के रेडियस पर पत्थरों की तीन फीट की दीवार खड़ी की। इसमें गोबर की खाद सहित वर्मी कंपोस्ड और माइक्रो न्यूट्रीयंस वाली मिट्टी भरी जा रही है, ताकि तने को फैलने की जगह मिले। मिट्टी और पानी का क्षरण रोकने के लिए कंटीन्यूअस कंट्रोल बॉल बनाई गई है, इससे पहाड़ धसकने की प्रक्रिया भी रुक गई है।
- 01 लाख से अधिक पेड़ लगे हैं वन विहार में
- 03 फीट तक ऊंची दीवार पेड़ों के आसपास बनाई, ताकि पेड़ को मजबूती मिले
90 साल का वज्रदंती और 80 साल का कुंभी का पेड़ भी
वन विहार के डिप्टी डायरेक्टर एके जैन ने बताया कि छोटे-बड़े मिलाकर करीब 1 लाख से अधिक पेड़ यहां हैं। इनमें करंज, महुआ, कनक चंपा, बरगद, पीपल, नीम, अर्जुन, इमली, पलाश सहित कई प्रजाति के पेड़ शामिल हैं। उनका कहना है कि 5 किमी लंबी सड़क पर पेड़ों के चारों ओर मिट्टी का चबूतरा बनाया गया है। इन सभी पेड़ों की उम्र 70 से 100 साल के बीच है। वन विहार में लायन बाड़े के पास 90 साल पुराना वज्रदंती का पेड़ लगा हुआ है। यहां पर 80 साल पुराना कुंभी का पेड़ भी है।
निगम को भी पेड़ के चारों ओर एक मीटर जगह छोड़नी चाहिए
वन विहार के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर डाॅ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि शहर में भी निगम को चाहिए पेड़ के चारों ओर कम से कम एक मीटर की जगह छोड़ना चाहिए। ताकि पेड़ की जड़ों को माइक्रो न्यूट्रियंस मिल सके।
शहर में खिरनी का 125 साल पुराना पेड़ और 250 साल पुराना बरगद
बाघमारे ने बताया कि 125 साल पुराना खिरनी का पेड़ इकबाल मैदान में लगा हुआ है। यहां पर बैठकर बेगम महिलाओं की समस्या सुनती थी। वहीं शमशाबाद में बरगद का पेड़ है जिसका घेरा एक किमी का है। इसकी उम्र 250 वर्ष है।