उपचुनाव: 3 लोकसभा और 29 विधानसभा सीटों के परिणाम आए, जानें- किसने कहां मारी बाजी, कौन कहां हुआ चित

बिहार में लालू यादव को उम्मीद थी कि वो अगर बाई इलेक्शन में दोनों सीटें जीत गए तो राज्य में सरकार बदल सकते हैं। ममता बनर्जी ने सारी सीटें बहुत बड़े मार्जिन से जीतीं हैं। इनमें वो सीटें भी शामिल हैं, जो छह महीने पहले बीजेपी ने जीती थीं।

नई दिल्ली: देश के 13 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की तीन लोकसभा सीटों तथा 29 विधानसभा सीटों पर गत 30 अक्टूबर को उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई थी। इन सीटों पर मंगलवार को मतगणना हुई। जिन लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हुए, उनमें दादरा और नगर हवेली, हिमाचल प्रदेश की मंडी और मध्य प्रदेश में खंडवा सीट शामिल है। तीनों लोकसभा सीटों के मौजूदा सदस्यों की मृत्यु हो गई थी।

वहीं, असम की पांच, पश्चिम बंगाल की चार, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और मेघालय की तीन-तीन, बिहार, कर्नाटक और राजस्थान की दो-दो और आंध्र प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, मिजोरम तथा तेलंगाना की एक-एक विधानसभा सीट के लिए मतदान हुआ था। इन 29 सीटों में से भाजपा के पास पहले करीब आधा दर्जन सीटें थीं जबकि कांग्रेस के पास नौ सीटें और बाकी क्षेत्रीय पार्टियों के पास थीं।

सभी सीटों के परिणाम आ गए हैं। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने चारों सीटें बड़े मार्जिन से जीतीं। असम की पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव एकतरफा रहा, यहां सभी पांच सीटें NDA ने जीती हैं। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की पकड़ और मजबूत हुई है, यहां बीजेपी ने लोकसभा की एक सीट के साथ विधानसभा की दो सीटें जीतीं जबकि विधानसभा की एक सीट कांग्रेस के खाते में गई।

राजस्थान में दो सीटों पर उपचुनाव हुआ था, दोनों सीटें कांग्रेस ने जीत ली हैं। कर्नाटक में दो सीटों पर चुनाव हुआ, बीजेपी एक हार गई। बिहार में दो विधानसभा सीटों पर बाई इलेक्शन हुए, दोनों सीटों पर जेडीयू जीती लेकिन दोनों जगह कांटे की टक्कर रही। हिमाचल प्रदेश में भाजपा लोकसभा की सीट के साथ-साथ तीनों विधानसभा की सीटें भी हार गई। वहीं, एक इंटरेस्टिंग रिजल्ट दादर नगर हवेली लोकसभा सीट का रहा, जहां शिवसेना ने बाजी मार ली।

लेकिन, बाई इलेक्शन में बात सिर्फ सीटों की नहीं है। किसने कितनी सीटें जीतीं, इससे ज्यादा मायने इस बात के हैं कि किसने कौन सी सीट जीती। बिहार में लालू यादव को उम्मीद थी कि वो अगर बाई इलेक्शन में दोनों सीटें जीत गए तो राज्य में सरकार बदल सकते हैं। ममता बनर्जी ने सारी सीटें बहुत बड़े मार्जिन से जीतीं हैं। इनमें वो सीटें भी शामिल हैं, जो छह महीने पहले बीजेपी ने जीती थीं।

मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान ने वो सीट जीत ली, जहां बीजेपी को जीतने की कभी कोई उम्मीद नहीं होती थी। हिमांचल में बीजेपी की बुरी हार हुई लेकिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हार मंहगाई की वजह से हुई है। शिवसेना ने पहली बार महाराष्ट्र के बाहर लोकसभा की कोई एक सीट जीती है।

असम में नए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने सारी सीटें जीत लीं। ये साबित कर दिया कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने कोई गलती नहीं की लेकिन कर्नाटक में जिन बसवराज बोम्मई को बीजेपी ने थोड़े दिन पहले चीफ मिनिस्टर बनाया था, वो अपने ही इलाके में विधानसभा की एक सीट हार गए।

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