लो बजट में पावर पैक:गूगल ने प्रगति OS तो क्वालकॉम ने प्रोसेसर बनाया, समझिए किस वजह से हिट हो सकता है जियोफोन नेक्सट
जुलाई 2017 को जियोफोन लॉन्च हुआ। सालभर बाद यानी अगस्त 2018 में जियोफोन 2 आ गया। अब अक्टूबर 2021 में जियोफोन नेक्स्ट आ गया। फर्क इतना है कि पहले दो फीचर फोन थी। जबकि अब कंपनी ने स्मार्टफोन लॉन्च किया है। इतना ही नहीं, जियोफोन नेक्स्ट को दुनिया की तीन बड़ी कंपनियों ने मिलकर तैयार किया है। इसमें एक रिलायंस जियो, दूसरी गूगल और तीसरी क्वालकॉम शामिल है। यही वजह है कि जियोफोन नेक्स्ट बेहद खास हो जाता है।
जियो भारत, गूगल और क्वालकॉम अमेरिका की कंपनी है। दुनिया की इन तीनों कंपनियों के डेटा की मदद से हम आपको समझाते हैं कि कैसे जियोफोन नेक्स्ट देश के 2G यूजर्स को अपनी तरफ ला सकता है। लो-बजट सेगमेंट में कैसे चीनी स्मार्टफोन कंपनियों के सेल्स का ग्राफ बिगाड़ सकता है?
शुरुआत करते हैं रिलायंस जियो से, जो इस स्मार्टफोन की पेरेंट कंपनी है।
5 सितंबर, 2016 को जियो की शुरुआत हुई थी। इसकी लॉन्चिंग पर मुकेश अंबानी ने ‘डाटा इज न्यू ऑयल’ का नारा दिया। कंपनी ने नए ग्राहकों को जोड़ने के लिए सालभर से ज्यादा समय के लिए डेटा, कॉलिंग, रोमिंग, SMS जैसी सभी सुविधाएं एकदम फ्री दीं। नतीजा ये निकला कि जियो नेटवर्क से लोग जुड़ते चले गए। कंपनी का कद तेजी से बढ़ता गया। एयरटेल, आइडिया, वोडाफोन और BSNL के ग्राहक टूटते चले गए। 5 साल में 43 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों के साथ जियो देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बन चुकी है।
बीते 5 सालों में जियो ने ग्राहकों का भरोसा जीता है। सबसे तेज डाउनलोड स्पीड में जियो के आसपास भी कोई नहीं है। दूसरी टेलीकॉम कंपनियों की तुलना में सबसे सस्ते डाटा पैक दे रही है। अपने ग्राहकों को वो जियो टीवी, जियो सिनेमा जैसे एंटरटेनमेंट ऐप्स फ्री दे रही है। कंपनी ने माय जियो ऐप से सब कुछ आसान बना दिया है।
जियोफोन नेक्स्ट बेहतर प्लानिंग के साथ लाई
इसे अच्छा कहें या बुरा, लेकिन जियोफोन नेक्स्ट में कंपनी ने कुछ ऐसी कंडीशन लगा दी हैं, जो इसे हिट बना सकती हैं। जैसे, जियोफोन नेक्स्ट डुअल सिम तो है, लेकिन इसमें डाटा सिर्फ जियो के सिम से ही चलेगा। यानी दूसरी कंपनी के सिम से सिर्फ कॉलिंग और SMS कर पाएंगे। जाहिर सी बात है कि इसके लिए कोई दूसरी कंपनी का सिम क्यों चलाएगा। बिना जियो सिम के ये स्मार्टफोन एक फीचर फोन बन जाएगा। यानी दूसरी टेलीकॉम कंपनी के ग्राहक इस स्मार्टफोन को खरीद कर अपनी सिम को जियो पर पोर्ट करा सकते हैं।
ये सस्ता एंड्रॉयड स्मार्टफोन तो बिल्कुल नहीं है, लेकिन इसे खरीदने वालों को ये सस्ते में मिल जाए इसका इंतजाम जियो ने पूरी तरह से किया है। फोन को 1999 रुपए के डाउन पेमेंट और मिनिमम 300 रुपए की मंथली EMI पर खरीद सकते हैं। जियो इस EMI की कीमत में ग्राहकों को डाटा और कॉलिंग भी दे रही है। यानी फोन रिचार्ज के लिए अलग से पैसे खर्च नहीं करने होंगे।
अब बात करते हैं जियोफोन नेक्स्ट को तैयार करने वाली दूसरी कंपनी गूगल की।
जियोफोन नेक्स्ट के बॉक्स से लेकर सॉफ्टवेयर तक गूगल की झलक दिखाई देती है। जियोफोन नेक्स्ट में प्रगति ऑपरेटिंग सिस्टम मिलने वाला है। इस ओएस को गूगल ने तैयार किया है। ये एंड्रॉयड 11 बेस्ड है। इसे चलाने में आपको एकदम एंड्रॉयड ओएस जैसा ही फील आएगा। हालांकि, फोन की बूटिंग प्रोसेस से लेकर सेटिंग में कहीं-कहीं प्रगति नाम की झलक दिखाई देती है। ये कहा जा सकता है कि फोन के हार्डवेयर को ध्यान में रखते हुए गूगल ने खास ओएस तैयार किया है। इस फोन स्मूद ऑपरेट होता है।
इस सेगमेंट में जियोफोन नेक्स्ट के अंदर फोटोग्राफी के लिए नाइट मोड मिलता है। यानी 13 मेगापिक्सल के रियर कैमरा से आप रात के अंधेरे में भी बेहतर क्लिक कर पाएंगे। वहीं, नाइट मोड सेल्फी के लिए कभी काम करता है। फोन कैमरा में ट्रांसलेट फीचर भी दिया है। यानी आप किसी डॉक्यूमेंट को क्लिक करके डायरेक्ट उसके टेक्स्ट को यूज कर पाएंगे। या डॉक्युमेंट को रीड आउट कर पाएंगे। गूगल इस फोन को 3 साल तक सिक्योरिटी अपडेट भी देगा। प्रगति ओएस में क्या-क्या खास है, पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
आखिर में बात करते हैं जियोफोन नेक्स्ट को तैयार करने वाली तीसरी कंपनी क्वालकॉम की।
किसी भी स्मार्टफोन का सबसे जरूरी पार्ट उसका हार्डवेयर होता है। जियोफोन नेक्स्ट के लिए ये जिम्मा अमेरिकन कंपनी क्वालकॉम ने उठाया है। इस स्मार्टफोन के बॉक्स के पीछे इस बात का जिक्र किया गया है कि क्वालकॉम ने इसे लाइसेंस दिया है। क्वालकॉम ऐसी कंपनी है जिसके हार्डवेयर को शाओमी, ओप्पो, वीवो, रियलमी, वनप्लस समेत कई चीनी कंपनियां अपने स्मार्टफोन में इस्तेमाल करती हैं।
जियोफोन नेक्स्ट के लिए क्वालकॉम ने जो प्रोसेसर तैयार किया है उसका नाम स्नैपड्रैगन QM215 है। इसकी स्पीड 1.3GHz तक है। इसमें एड्रेनो 308 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) दी गई है। कुल मिलाकर फोन में इस्तेमाल होने वाले मदरबोर्ड या चिपसेट पर क्वालकॉम की छाप है। इसी वजह से फोन के हार्डवेयर का भरोसा दोगुना हो जाता है। क्वालकॉम ने ऐसा हार्डवेयर बनाया है जो 3 साल तक मिलने वाले अपडेट को पूरी तरह सपोर्ट करेगा।