कुछ दिन से तीसरी, पांचवीं, आठवीं और दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों की एक्स्ट्रा क्लासेस चल रही हैं। ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न हल करके शिक्षक जोर देकर बच्चों से कह रहे हैं, रटना नहीं समझना है। इस बार इसी थीम पर नेशनल अचीवमेंट सर्वे में टॉप-10 में आने की तैयारी की जा रही है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इसके लिए माइक्रो प्लानिंग की है। स्कूल से लेकर डिस्ट्रिक्ट लेवल तक अलग-अलग मॉड्यूल तैयार किए गए हैं। विद्यार्थियों के लिए अलग और शिक्षकों को लिए अलग माड्यूल बनाए गए हैं। स्कूल से लेकर डिस्ट्रिक्ट लेवल तक विषय विशेषज्ञों की स्पेशल टीम बनाई गई है।

इंटरनेट मीडिया के जरिए मॉनिटरिंग

-ब्लॉक लेवल पर डाइट से प्रभारी बनाए गए हैं, जो शिक्षकों को सपोर्ट कर रहे है।

-क्लस्टर लेवल पर एकेडमिक रूप से सक्षम रिसोर्स पर्सन को प्रभारी बनाया गया है।

-इंटरनेट मीडिया के जरिए टीचर्स को जोड़कर मॉनिटरिंग की जा रही है।

-टीचर्स को आ रही कठिनाई सॉल्व की जा रही है।

-लर्निंग आउट कम यानी टॉपिक के लिहाज से विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा वीडियो बनाए जा रहे हैं। इनसे सीखकर कठिन सवालों के जवाब तलाशे जा रहे हैं।

ऐसे समझें:

नेशनल अचीवमेंट सर्वे के तहत एनसीईआरटी की गाइडलाइन एवं टूल्स के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा तीसरीं, पांचवीं, आठवीं और दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों का असेसमेंट किया जाता है। यह परीक्षा 12 नवंबर को आयोजित की जाएगी।

-12 नवंबर को नेशनल अचीवमेंट सर्वे के लिए जिले के 232 स्कूलों में यह परीक्षा होगी। हालांकि इस परीक्षा में कितने विद्यार्थी शामिल होंगे। इसकी फिलहाल जानकारी नहीं है।

सत्यभान सिंह भदौरिया, एडीपीसी