कृषि कानून के मुद्दे पर कहूंगा तो विवाद होगा, मेरे शुभचिंतक इंतजार करते हैं कि ये कुछ बोलें और हटें- मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आगे कहा कि कोई हादसा होता है तो दिल्ली के नेताओं का शोक संदेश जाता है, लेकिन किसानों की मौत पर कोई प्रस्ताव नहीं गया. संसद में भी कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Meghalaya Governor Satya Pal Malik) ने रविवार को कहा कि मैं अगर कृषि कानून के मुद्दे पर कहूंगा तो विवाद हो जाएगा. हालांकि एक राज्यपाल को नहीं हटाया जा सकता, लेकिन मेरे कुछ शुभचिंतक मेरे कुछ कहने का इंतजार करते हैं कि ये कुछ बोले और ये हटे. देश में इतना बड़ा आंदोलन आज तक नहीं चला जिसमें 600 लोग शहीद हुए.

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आगे कहा कि कोई हादसा होता है तो दिल्ली के नेताओं का शोक संदेश जाता है, लेकिन किसानों की मौत पर कोई प्रस्ताव नहीं गया. संसद में भी कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया. पिछले महीने सत्यपाल मलिक ने केंद्र सरकार से प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांगों को पूरा करने का आग्रह किया. राजस्थान के झुंझुनू जिले में एक कार्यक्रम से इतर स्थानीय पत्रकारों से बात करते हुए सत्यपाल मलिक कहा कि अगर किसानों की मांगें पूरी नहीं की गईं, तो ये सरकार सत्ता में नहीं लौटेगी.

सत्यपाल मलिक ने कहा कि बीजेपी नेता अब चुनाव वाले उत्तर प्रदेश के कई गांवों में प्रवेश भी नहीं कर सकते हैं. उन्होंने रिपोटर्स ने कहा कि मैं मेरठ से हूं. मेरे क्षेत्र में कोई भी बीजेपी नेता किसी गांव में प्रवेश नहीं कर सकता है. मेरठ में, मुजफ्फरनगर में, बागपत में, वो प्रवेश नहीं कर सकते. जब उनसे सवाल किया गया कि क्या वो किसानों के साथ खड़े होने के लिए अपना पद छोड़ देंगे. इस पर उन्होंने कहा कि वो किसानों के साथ खड़े हैं और वर्तमान में अपने पद को छोड़ने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन जरूरत पड़ने पर वो ऐसा भी करेंगे.

किसानों और सरकार के बीच मध्यस्थता के लिए तैयार हैं राज्यपाल

मेघालय के राज्यपाल ने कहा कि वो सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री को कोई संदेश नहीं देंगे, लेकिन व्यक्तिगत रूप से अपनी राय देंगे. मलिक ने कहा कि खास तौर से, सिखों के बारे में ये लोग नहीं जानते. निहत्थे गुरुओं ने मुगल बादशाह से लड़ाई लड़ी है तो उनको तंग नहीं करना चाहिए. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर सरकार उनसे पूछे तो वह केंद्र और किसानों के बीच मध्यस्थता करने को तैयार हैं

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