प्रदेश में 2 साल में 4 गुना कम हुए बस, मिनी बस, ऑटो के रजिस्ट्रेशन

काेराेना संक्रमण के चलते 2019 की तुलना में इस साल 1 अप्रैल से 31 अक्टूबर तक 7 माह के दाैरान बस, मिनी बस, टेंपो, ऑटो, मैजिक जैसे यात्री वाहन सबसे कम रजिस्टर्ड हुए हैं। इसका कारण इस अवधि के दौरान दो से तीन महीने तक प्रभावी रहा लॉकडाउन है।

एक तो कोरोना का खौफ दूसरा लॉकडाउन के चलते लोग सफर पर कम निकले हैं। इसके अलावा स्कूल, कॉलेज बंद रहने से स्कूल संचालकों ने नई बस या फिर वैन नहीं खरीदी। इसी कारण यात्री वाहनों के रजिस्ट्रेशन दो साल पहले की तुलना में लगभग 4 गुना कम हुए हैं। वर्ष 2019 में 7 माह के दौरान प्रदेश में 19120 वाहन रजिस्टर्ड हुए थे। जबकि इस साल 5050 यात्री वाहन पूरे प्रदेश में रजिस्टर्ड हुए हैं।

कोरोना के चलते आई कमी: प्रवर्तन अपर परिवहन आयुक्त अरविंद कुमार सक्सेना बोले कि कोरोना के चलते यात्री वाहनों के रजिस्ट्रेशन इस साल कम हुए हैं। हालांकि अब कोरोना संक्रमण काबू में है। यात्री सफर कर रहे हैं। इससे उम्मीद है कि यात्री वाहनों के रजिस्ट्रेशन की संख्या धीरे-धीरे फिर से बढ़ेगी।

इंदौर और जबलपुर से ज्यादा ग्वालियर में यात्री वाहन रजिस्टर्ड

इंदौर और जबलपुर की तुलना में ग्वालियर में यात्री वाहन 7 माह के दौरान ज्यादा रजिस्टर्ड हुए हैं। यात्री वाहन के अंतर्गत बस, मिनी बस, ऑटो, मैजिक आदि वाहन आते हैं। ग्वालियर मंे अप्रैल से अक्टूबर तक 580 तो इंदौर में 470 जबकि जबलपुर में 152 यात्री वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं। वहीं भोपाल में 1340 प्रदेश में सबसे अधिक यात्री वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं।

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