UP Assembly Election 2022: महरौनी विधानसभा सीट पर 15 साल बाद भाजपा को मिली जीत, सपा-बसपा के वोट में लगी सेंध
महरौनी सीट पर 15 साल बाद भाजपा को जीत मिली थी. भाजपा के मनोहर लाल ने बसपा के फेरन लाल को हराया था.
ललितपुर जिले एक ऐतिहासिक जिला है, जिसकी स्थापना 17वीं शताब्दी में बुंदेला राजपूतों द्वारा की गई थी. यह जिला 1891 से 1974 तक झांसी जिले का हिस्सा था. जिले में दो प्रमुख सीटें हैं, सदर और महरौनी. महरौनी विधानसभा (Mehroni Assembly Seat) में 2017 में 13 उम्मीदवारों ने चुनावी मैदान में ताल ठोकी. इस चुनाव में नौ राजनीतिक और निर्दलीय प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए. इस विधानसभा सीट (Mehroni Assembly Seat) पर कई दशकों से बसपा और सपा का दबदबा रहा है. यहां जातिगत नेता ही चुनाव जीतते आए हैं, जिसके कारण क्षेत्र का विकास नहीं हुआ. 2017 कि मोदी लहर में जिले की दोनों सीटों पर ही भाजपा का कब्जा हो गया.
सीट का इतिहास
2017 के चुनावों में इन दोनों सीटों पर मोदी लहर देखने को मिली. जिले की दोनों ही सीटों पर भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की. महरौनी विधानसभा सीट (Mehroni Assembly Seat) पर कुल 13 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमाने के लिए मैदान में उतरे थे लेकिन मुकाबला भाजपा और बहुजन समाज पार्टी के बीच हुआ. भाजपा उम्मीदवार मनोहर लाल पंथ ने बसपा उम्मीदवार फेरन लाल अहिरवार को 99564 मतों के बड़े अंतर से हराया. इस चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को 159291 मत मिले थे, जबकि बसपा के फेरन लाल अहिरवार को 59727 मत प्राप्त हुए.
वहीं 2012 में इस सीट पर बसपा के प्रत्याशी फेरन लाल ने जीत दर्ज की. उन्होंने भाजपा के मनोहर लाल को 1737 मतों से हराया. इस चुनाव में बसपा प्रत्याशी फेरन लाल को 70847 मत मिले जबकि बीजेपी के मनोहर लाल को 69110 मत प्राप्त हुए थे. 2007 में इस विधानसभा सीट पर बसपा के रामकुमार तिवारी ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने कांग्रेसी प्रत्याशी पूरन सिंह बुंदेला को बड़े मार्जिन से हराया था. 2002 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार पूरन सिंह बुंदेला ने जीत दर्ज की. उन्होंने समाजवादी पार्टी के विक्रम सिंह को हराया था.
जातिगत समीकरण
यह विधानसभा सीट (Mehroni Assembly Seat) राजपूत बाहुल्य है, जिसके कारण यहां किसी भी दल की जीत में राजपूत मतदाता बड़ी भूमिका निभाते हैं.
कुल मतदाता – 363660
पुरुष मतदाता – 191579
महिला मतदाता – 172081