युद्ध का तरीका बदल चुका है, अब समाज को बांटकर भी देश तोड़े जा सकते हैं
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानी NSA अजीत डोभाल ने कहा है कि बदलते वक्त में किसी देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के तौर-तरीके भी बदल गए हैं। युद्द के नए हथियार के तौर पर सिविल सोसायटी यानी समाज को नष्ट करने की तैयारी की जा रही है। डोभाल ने हैदराबाद में प्रोबेशनरी IPS अफसरों के दीक्षांत समारोह में यह बात कही।
डोभाल ने कहा, ‘राजनीतिक और सैनिक मकसद हासिल करने के लिए युद्ध अब ज्यादा असरदार नहीं रह गए हैं। दरअसल युद्ध बहुत महंगे होते हैं, हर देश उन्हें अफोर्ड नहीं कर सकता। उसके नतीजों के बारे में भी हमेशा अनिश्चितता रहती है। ऐसे में समाज को बांटकर और भ्रम फैलाकर देश को नुकसान पहुंचाया जा सकता है।’
लोगों को टारगेट करना युद्ध का नया मोर्चा
उन्होंने कहा, ‘लोग सबसे महत्वपूर्ण हैं। इसलिए युद्ध की चौथी पीढ़ी के तौर पर नया मोर्चा खुला है, जिसका टारगेट समाज है।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, चीन, म्यांमार और बांग्लादेश से सटी हमारी सीमा की लंबाई 15,000 किलोमीटर लंबी है। इस जगह बॉर्डर मैनेजमेंट में पुलिस का बड़ा रोल होना चाहिए।
बॉर्डर मैनेजमेंट भी संभालेगी पुलिस फोर्स
उन्होंने IPS अफसरों से कहा, ‘भारत के अंदर 32 लाख वर्ग किलोमीटर एरिया में कानून-व्यवस्था के मैनेजमेंट की जिम्मेदारी पुलिस फोर्स की है, लेकिन अब यह रोल और बढ़ेगा। हमारी 15, 000 किलोमीटर लंबी सीमा पर अलग-अलग तरह की समस्याएं हैं। आगे चलकर आप इस देश के बॉर्डर मैनेजमेंट के लिए भी जिम्मेदार होंगे।’
पंजाब ने BSF के अधिकारों का विरोध किया
पुलिसिंग का दायरा बढ़ाने पर डोभाल का कमेंट पंजाब विधानसभा के प्रस्ताव के एक दिन बाद आया है। पंजाब विधानसभा ने BSF की कार्रवाई का दायरा बढ़ाने के फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है।