कांग्रेस विधायकों और सांसद में तकरार; अमृत प्राेजेक्ट में घाेटाला हुआ, शेजवलकर ने कहा- पाठक ये सिर्फ आरोप, तथ्य दें
- अमृत में खोदी गई सड़कें बनाने के नाम पर बड़ा भ्रष्टाचार हुआ: सतीश…….
- कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने दिशा की बैठक में तेज आवाज में कहा- अमृत प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है। यह सुन सांसद विवेक शेजवलकर ने कहा ये आपका आरोप हैं। क्या किसी जांच टीम ने घोटाला साबित किया है? आपके पास तथ्य हैं तो दे दें, जांच करा ली जाएगी। सीवर के मुद्दे पर जब प्रभारी अधिकारी रामू शुक्ला ने उपलब्धियां गिनाई तो कांग्रेस के एक और विधायक सतीश सिकरवार ने आपत्ति दर्ज करा दी।
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने दखल देते हुए शुक्ला को पीछे बैठने को कहा। साथ में निगम आयुक्त किशोर कन्याल से कहा कि वे ही प्रोजेक्ट के बारे में बताएं। बैठक चालू होते ही विधायक पाठक ने कहा कि बैठक में बात विकास की होती है और हमें एजेंडा एक दिन पहले बताया जाता है। इस पर कलेक्टर ने विभाग प्रमुखों से कहा कि वे अपना-अपना पालन प्रतिवेदन सीधे जन प्रतिनिधियों को भेजना तय करें।
सीवर प्रोजेक्ट की बात चालू होते ही फिर विधायक पाठक ने कहा बड़ा घोटाला हुआ है। मैं लंबे समय से डिजाइन मांग रहा हूं पर आज तक नहीं मिला है। सीवर को लेकर चर्चा हुई तो अमृत के सीवर प्रभारी रामू शुक्ला कमिश्नर के पास आकर बैठे और कहा कि प्रदेश में सबसे अच्छा काम हुआ है। इस पर विधायक सतीश सिकरवार ने आपत्ति की। हंगामा और होता, इससे पहले ही कलेक्टर ने रामू शुक्ला को पीछे बैठने को कहा। आधा घंटे तक बैठक में ऐसे ही हंगामा होता रहा, आवाज बाहर सुनाई दे रही थी।
बैठक में सांसद ने इन बिंदुओं पर चर्चा कर दिए निर्देश
- अमृत प्रोजेक्ट के काम 31 दिसंबर तक पूरे कर लिए जाएं ताकि लोगों को प्रेशर में 12 मीटर ऊंचाई तक पानी मिल सके।
- सीवर-पानी की लाइन बिछाने जहां भी सड़कें खोदी हैं और वे खराब पड़ी हैं उन्हें जल्द ठीक कराएं।
- मुरार एवं दक्षिण विधानसभा में जो काम हुआ है उसकी जानकारी विधायकों को दी जाए। टीम बनाकर सत्यापन भी कराएं।
- जो काम छूट गए हैं उन्हें दूसरे चरण में शामिल करें। इसकी डीपीआर एक्सपर्ट से तैयार कराएं। जन प्रतिनिधियों से सुझाव लें।
- अमृत की मुख्य लाइनों से जोड़े गए कनेक्शन तत्काल हटा दें। पांच हजार मकानों पर पानी के मीटर लगाने का पायलट प्रोजेक्ट बनाएं।
- डबरा में जो लोग शुगर मिल की जमीन पर रह रहे हैं उनको पट्टे दें। इसके लिए कलेक्टर प्लान बनाएं।
अफसर बेवकूफ बना रहे हैं
शहर के अफसर जन प्रतिनिधियों को बेवकूफ बना रहे हैं। बैठक का एजेंडा वह मनमर्जी से तय कर लेते हैं और बैठक में जन प्रतिनिधियों को पकड़ा दिए जाते हैं। एक से डेढ़ वर्ष पूर्व अमृत के नाम पर सड़कों को खोदा गया वहां काम नहीं हुआ है, ये भ्रष्टाचार नहीं है तो क्या है। इसके सुबूत व तथ्य सब हैं। इन कामों की लोकायुक्त से जांच कराई जाएं। -प्रवीण पाठक, विधायक दक्षिण
अफसर कर रहे मनमानी
अमृत में ठेकेदार व अफसर मनमर्जी से काम कर रहे है। बैठक में डीपीआर, ड्राइंग मांगी गई है। काम में यदि बदलाव किया गया तो क्यों व किस कारण किस की मंजूरी से किया गया, जानकारी दी जाए। बैठक में निगमायुक्त से जवाब मांगा लेकिन रामू बीच में आया, उसे किसने ये अधिकार दिया। अमृत योजना के काम में खोदी गई सड़कें बनाने के नाम पर बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है।
-डॉ. सतीश सिकरवार, विधायक पूर्व क्षेत्र
अफसरों को अमृत के काम पूरा करने के लिए कहा गया है
विधायकों ने अमृत योजना और एजेंडे के मामले को लेकर नाराजगी जाहिर की थी, लेकिन बाद में बैठक शांति से चली। अधिकारियों ने कहा कि अमृत योजना का जो उद्देश्य है, वॉटर ऑडिट और 24 घंटे पानी। इस उद्देश्य को पूरा किया जाएगा। -विवेक शेजवलकर, सांसद