ग्वालियर… सड़क सुरक्षा …. वाहनों की जांच का जिम्मा संभाल रहे परिवहन विभाग पर न स्पीड राडार गन और न ब्रीथ एनालाइजर रिफलेक्टर टेप तक को तरसा

सुप्रीम कोर्ट के आदेश व तमाम कमेटियों की मॉनिटरिंग के बाद भी प्रदेश सरकार सड़क सुरक्षा एवं वाहनों की जांच को लेकर गंभीर नहीं हो रही। स्थिति ये है कि हर प्रकार के वाहन की जांच एवं उल्लंघन पर कार्रवाई का जिम्मा संभालने वाला प्रदेश का परिवहन विभाग पिछले 5 साल से उपकरणों के लिए 7 करोड़ 25 लाख 81 हजार रुपए का बजट मांग रहा है। लेकिन अब तक विभाग की कोई सुनवाई नहीं हुई।

जिसका सीधा असर वाहनों की जांच पर पड़ रहा और वाहन चालक सड़क सुरक्षा नियमों को ताक पर रखकर मनमर्जी पूरी कर रहे। हर साल की तरह इस बार भी परिवहन विभाग ने शासन को पत्र भेजकर बजट मांगा है। ये बजट भोपाल स्थित अटल बिहारी वाजपेयी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान की अध्ययन रिपोर्ट और सिफारिशों के बाद सुधार के लिए मांगा गया है। वहीं प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत इस मामले को दिखवाने और उचित कार्रवाई कराने की बात कह रहे हैं।

असर.. हाईस्पीड से हो रहे हादसे, स्कूल बसों तक की नहीं हो पाती जांच
परिवहन विभाग के पास उपकरण न होने का नतीजा ये है कि हाईस्पीड, ओवरलोडिंग और दूसरे कारणों से प्रदेशभर में आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। स्पीड राडार गन अमले पर हो, तो वे सड़क पर नियमों को तोड़कर फर्राटे भरने वाले वाहनों की जांच कर जुर्माना व ड्राइविंग लाइसेंस निरस्ती की कार्रवाई कर सकता है।

स्कूल बसों की स्पीड अधिकतम 40 किमी प्रति घंटा निर्धारित की गई है। लेकिन बस चालक इससे काफी अधिक स्पीड पर बसें दौड़ाते हैं और जिस वजह से कई एक्सीडेंट भी हुए। ग्वालियर में ही जब परिवहन विभाग का अमला इन बसों की जांच के लिए सड़कों पर उतरा तो स्पीड राडार गन के अभाव में जांच नहीं कर पाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने बड़े वाहनों पर रिफलेक्टर टेप लगाए जाने के आदेश दिए और इसका सख्ती से पालन कराने के लिए कहा। लेकिन बजट के अभाव में विभाग के पास इस टेप की कमी है। जिस वजह से वाहनों पर टेप नहीं लगाया जा रहा। जिससे वाहन दुर्घटनाएं हो रही हैं।

अगर बजट मिले तो यह सामान खरीदे जा सकेंगे

उपकरण संख्या राशि
स्पीड राडार गन 18 1 करोड़ 20 लाख रुपए
स्मार्ट कार्ड हैंड हेल्ड टर्मिनल 50 40 लाख रुपए
ब्रेथ एनालाइजर 80 33 लाख रुपए
वजन पेड्स 12 60 लाख रुपए
सिंगल गैस डिडक्टर 60 1 करोड़ 61 लाख 40 हजार
एलईडी टीवी 21 42 लाख रुपए
परिवहन व्यवस्था के अध्ययन के लिए – 19.41 लाख
संभागीय परिवहन कार्यालयों में वाहन – 50 लाख रुपए
चालकों के प्रशिक्षण के लिए
रेट्रो रिफलेक्टर टेप – 2 करोड़ रुपए
(परिवहन विभाग ने उक्त उपकरणों के लिए 7 करोड़ 25 लाख 81 हजार रुपए का बजट 2017 में मांगा था और तब से बार-बार पत्र भेजकर यह मांगा ही जा रहा है।)

जरूरत का सामान उपलब्ध कराएंगे
अमले के पास उपकरण और दूसरे संसाधनों की कमी को लेकर विभाग में बात की जाएगी। जो भी जरुरत का सामान है उसे उपलब्ध कराएंगे।-गाेविंद सिंह राजपूत, परिवहन मंत्री/ मप्र

अमले को उपकरण मिलेंगे सड़क सुरक्षा कोष एवं जांच व्यवस्था के लिए शासन से 7 करोड़ 25 लाख 81 हजार रुपए का फंड मांगा गया है। जिसको लेकर बातचीत भी चल रही है और फंड मिलने के साथ ही प्रदेशभर में परिवहन अमले को उपकरण दिए जाएंगे। -अरविंद सक्सेना, डिप्टी कमिश्नर/ परिवहन विभाग मप्र

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