bhopal…देश में ऐसा पहली बार …. कलेक्टर गाइडलाइन में दर्ज मप्र की एक लाख लोकेशन्स की हो रही जीआईएस टैगिंग
मध्यप्रदेश में कलेक्टर गाइडलाइन में दर्ज करीब एक लाख लोकेशन्स की जीआईएस टैगिंग कराई जा रही है। ऐसा देश में पहली बार हो रहा है। इससे प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराते समय अक्षांश और देशांतर दिशाएं दर्ज हो जाएंगी। इस डाटा से मोबाइल एप तैयार होगा, जिसे ओपन करते ही जिस जमीन पर आप खड़े हैं, उसकी सरकारी वैल्यू पता लग जाएगी। जमीन के रेसीडेंशियल और कमर्शियल दोनों रेट दिखाई देंगे। पहली बार जिलों की गाइडलाइन को एप में अपलोड किया जाएगा।
सड़क को अपने प्लॉट में बताकर रजिस्ट्री नहीं करा सकेंगे
इसका एक और फायदा होगा। वो ये कि जो लोग सड़क पर प्लॉट होने के बावजूद इसकी रजिस्ट्री करा लेते थे, वे अब ऐसा नहीं करा पाएंगे, क्योंकि हर प्रॉपर्टी की एक जीआईएस टैगिंग दी जा रही है। इसकी फीडिंग पंजीयन विभाग कर रहा है। सब रजिस्ट्रार प्रॉपर्टी की मैपिंग कर रहे हैं।
सरकार की मंशा है कि एक अप्रैल 2022-2023 की नई गाइडलाइन में नए तरीके से रजिस्ट्री हो सके। सरकार एक अप्रैल से प्रॉपर्टी की खरीदारी में होने वाली धोखाधड़ी और विवादों को रोकने के लिए संपदा-2 सॉफ्टवेयर में किए जा रहे अहम बदलाव को लागू करने जा रही है।
ऐसे काम करेगा एप- प्रॉपर्टी पर जाओ, फोटो खींचो, रेट लो
एप को जीआईएस (जीओ इनफॉर्मेशन सिस्टम) से जोड़ा गया जाएगा। यदि आप किसी प्रॉपर्टी को खरीदना चाहते हैं ताे उस प्रॉपर्टी पर जाकर एप से उसकी फोटो खींचनी होगी। ऐसा करते ही प्रॉपर्टी की जीआईएस मैपिंग हो जाएगी। इससे सटीक लोकेशन मिलेगी। ये फोटो ऑनलाइन रजिस्ट्री के समय फीड कर सकेंगे। ऑटोमेटिक वेरिफिकेशन हो जाएगा। प्रॉपर्टी की ऑटोमैटिक कैलकुलेशन हो जाएगी। इससे रजिस्ट्री आसान होगी।