गर्भ में खेल संस्कार:पैदा होने से पहले ही खिलाड़ी बनाने की कोशिश, गर्भवती मां को दिखाई जाएंगी खेलों और खिलाड़ियों की तस्वीरें
गर्भावस्था में हर महिला से कहा जाता है कि वो खुश रहे, अच्छी किताबें पढ़े, संगीत सुने या ऐसे काम करे जो उसे खुशी दे। बच्चा जन्म से पहले ही मां से कई चीजें सीख लेता है। भारतीय संस्कृति में इसे गर्भ संस्कार कहा जाता है।
बीएचयू कर रहा है खेल संस्कार की शुरुआत
कोख में मौजूद बच्चे की खेल में रुचि बढ़ाने के लिए आईएमएस बीएचयू के आयुर्वेद संकाय में खेल संस्कार दिया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए प्रसूति तंत्र विभाग में सारी व्यवस्था की गई है। यहां कई खेलों की फोटो लगाकर मां को दिखाई जाएंगी। इसकी शुरुआत क्रिकेट, फुटबॉल और हॉकी से की जाएगी। बाद में इसमें और खेल भी शामिल किए जाएंगे।
गर्भ में सीखी चीजें पूरी उम्र देती हैं साथ
आयुर्वेद के अनुसार, गर्भ संस्कार एक स्वस्थ बच्चे के जन्म के लिए बहुत जरूरी है। इससे बच्चे के मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप से अच्छा असर होता है। प्रेंग्नेंट मां जहां रह रही हो, वहां आसपास देवी देवताओं की फोटो लगी होनी चाहिए और भक्ति संगीत बजाने चाहिए। इस दौरान विज्ञान से जुड़ी विषयों को पढ़ना चाहिए।
महाभारत काल से होता है गर्भ संस्कार का जिक्र
हम सब बचपन से सुनते आ रहे हैं कि अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु ने अपनी मां के गर्भ में ही चक्रव्यूह भेदना सीख लिया था। लेकिन वह व्यूह से बाहर आने का तरीका नहीं सीख पाया था क्योंकि जिस समय अर्जुन उनकी मां सुभद्रा को व्यूह से बाहर निकलने का तरीका बता रहे थे, तब उनकी मां सुभद्रा सो गई थीं। डॉक्टर मानते हैं कि बच्चे के सीखने का क्रम गर्भ से ही शुरू हो जाता है। सामने आ चुकी है कि बच्चे गर्भ के समय से ही सुनते हैं और भाषा कौशल सीख लेते हैं।
गर्भ संस्कार का पारंपरिक महत्व
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. कमलेश मिश्रा गर्भ संस्कार के जरिए बच्चे को अच्छा भोजन, आध्यात्मिक ज्ञान और संगीत से जोड़ा जाता है, ताकि उस पर पॉजिटिव असर हो। आसान शब्दों में कहें तो अजन्मे बच्चे के दिमाग को शिक्षित करने की प्रक्रिया को गर्भ संस्कार विधि कहा जाता है।
हिंदू माइथोलॉजी में रही है गर्भ से सीखने-सिखाने की परंपरा
गर्भ संस्कार के बारे में हिंदू माइथोलॉजी में पहले से रही है। गर्भ संस्कार का जिक्र अभिमन्यु और प्रह्लाद जैसे पौराणिक चरित्रों की कहानियों में सामने आता है। ये दोनों अपनी माता के गर्भ से ही ज्ञान लेकर आए थे।