लखनऊ में शाह की निषाद रैली में हंगामा …… प्रदर्शन करने पहुंचे प्रतियोगी छात्र, शिक्षा मंत्री चोर है के नारे लगे……
पुलिस ने छीने बैनर……
लखनऊ में शुक्रवार को अमित शाह की रैली में हंगामा हो गया। 50 की संख्या में पहुंचे प्रतियोगी छात्रों ने एकाएक नारेबाजी शुरू कर दी। छात्रों ने शिक्षा मंत्री चोर है के नारे लगाए। बैनर लहराए। एकाएक छात्रों के प्रदर्शन से वहां भगदड़ जैसे हालात हो गए। पुलिस के जवान भागते हुए छात्रों के पास पहुंचे। उन्होंने छात्रों से बैनर-पोस्टर छीने और वहां से खदेड़ा। प्रतियोगी छात्र नहीं माने तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर आरक्षण की मांग करने वालों को वहां से खदेड़ा।
शाह ने कहा- योगी ने यूपी से गुंडों को उखाड़ फेंका
रमाबाई अंबेडकर मैदान में अमित शाह ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने यूपी से गुंडों को उखाड़ फेंका -‘वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर का गौरव भी वापस लौटाया। अब 2022 में निषाद कार्यकर्ताओं की मदद से यूपी में 300 से अधिक सीटें जीतकर भाजपा दोबारा सरकार बनाएगी। आज लखनऊ में रामभक्त निषादों का जमावड़ा लगा है। योगी ने यूपी को गुंडों और माफियों से मुक्त कराया। निषाद समाज घर-घर पहुंचा’।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के विकास कार्यों को गिनाकर 2019 में केंद्र में सरकार बनवाई। मोदी सरकार ने गरीब, दलित और पिछड़ों को समर्पित है। गरीब के घर में मोदी ने गैस चूल्हा, आवास, शौचालय, गोल्डेन कार्ड पहुंचाया। निषादों और गरीबों के लिए भाजपा सरकार ने काम किया। 2019 में संजय निषाद ने पिछड़ा वर्ग मंत्रालय की मांग रखी। पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछड़ा वर्ग मंत्रालय बनाया गया।
शाह के भाषण की बड़ी बातें
- सपा, बसपा ने यूपी में सालों तक शासन किया, लेकिन कभी किसी गरीब के घर शौचालय नहीं बनवाया।
- पिछली सरकार ने गरीब को गैस नही दी, उनका घर नहीं बनवाया।
- सपा-बसपा का सूपड़ा साफ करेंगे, कांग्रेस का अकाउंट न खुले ऐसा काम करना है।
- मोदी और योगी का संदेश लेकर फिर से 300 पार का नारा देकर यूपी में सरकार बनाएंगे।
- सपा और बसपा की सरकार ने सिर्फ अपने लिए काम किया, कभी निषाद समाज का ध्यान नही रखा।
छह महीने से चल रहा प्रदर्शन
शिक्षक भर्ती में ओबीसी आरक्षण सही तरीके से लागू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन अभ्यर्थी छह महीनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि प्रदेश सरकार ने OBC वर्ग को 27% और SC वर्ग को 21% आरक्षण नहीं दिया है। इसमें धांधली करते हुए 15 हजार नौकरियां दूसरे वर्ग के लोगों को देने की कोशिश हुई है।
प्रदर्शनकारी इससे पहले सीएम कार्यालय, शिक्षा मंत्री आवास, बीजेपी कार्यालय, शिक्षा निदेशालय समेत तमाम जगहों पर प्रदर्शन कर चुके हैं। छह महीने से ज्यादा हो गए, लेकिन अभी तक मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हो पाई है। उनकी मांग है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को लागू की जाए। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में जितने भी अभ्यर्थियों ने लिखित में शिकायत दर्ज कराई है, उन सभी अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती में शामिल किया जाए।