डकैत जेल से बना रहे बदले की प्लानिंग ….. सबके पास मोबाइल; गुर्गों को कॉल कर बताया- एके-47 कहां है, अगला टारगेट कौन

चंबल के बीहड़ों के डकैतों की जड़ें जेल तक फैली हुई हैं। सजा काट रहे डकैत धौलपुर जेल से अपना गिरोह चला रहे हैं। फिरौती लेनी हो या हथियार पहुंचाने हों, जेल से ही आदेश निकाला जाता है। जगन गुर्जर से लेकर मुकेश ठाकुर गैंग के डकैत जेलों में बंद हैं। हर बड़े डकैत के पास मोबाइल है। मोबाइल के जरिए ही ये डकैत जेल से अपना गिरोह चला रहे हैं। चंबल के बीहड़ों की यात्रा के दूसरे पार्ट में पढ़िए, डकैत कैसे जेल से चला रहे हैं अपनी गैंग?

डकैत मुकेश ठाकुर की गैंग के गुर्गों के जरिए भास्कर टीम ने संपर्क किया। गैंग के दोनों गुर्गे इन दिनों जमानत पर बाहर हैं। गुर्गों ने पहले तो जेल में बंद डकैतों से बात कराने से मना कर दिया। कई घंटे बात करने पर बड़ी मुश्किल से राजी हुए और शाम को अकेले आने की बात कही। मुकेश ठाकुर चंबल का कुख्यात डकैत था, उसके ऊपर 75 हजार रुपए का इनाम था। 30 अगस्त को उप्र पुलिस ने उसका एनकाउंटर हुआ है, इसके बाद से ही गैंग में बदले की आग भड़क गई है। गैंग का मानना है कि उसकी मुखबिरी गैंग के ही किसी सदस्य ने की थी।

शाम को भास्कर की टीम इस गैंग के अहम सदस्यों में से एक के पास पहुंची तो वे बाइक पर भास्कर टीम को बीहड़ों में एक सुनसान जगह पर लेकर पहुंचे। हमने पूछा तो बोले कि अगर बात करनी है तो सिक्योरिटी के लिए दूर चलना होगा। साथ ही धमकी भी दी कि किसी को कुछ बताया तो सही नहीं होगा।

रात के अंधेरे में डकैत के गुर्गे बात करने ले जाते हुए। वे बाइक पर भास्कर टीम को बीहड़ों में एक सुनसान जगह पर लेकर गए।
रात के अंधेरे में डकैत के गुर्गे बात करने ले जाते हुए। वे बाइक पर भास्कर टीम को बीहड़ों में एक सुनसान जगह पर लेकर गए।

…जेल से ही आया कॉल
गुर्गों ने बताया कि जेल में हर चीज का टाइम फिक्स है। गुर्गों को नाम नहीं बताने का विश्वास दिलाया, तब उन्होंने तीन बदमाशों को फोन किया। हालांकि, किसी ने रिसीव नहीं किया। इस पर गुर्गे बोले- कुछ गड़बड़ हो सकती है। इस कारण वापस लौट कर आना पड़ा। उन्होंने जेल के अंदर अपने किसी साथी को मैसेज भेजा। तब जेल से ही शाम को कॉल आया….

मोबाइल पर धौलपुर की जेल में डकैतों से हुई बातचीत …

डकैत 1 : साथी की मौत पर डकैत बोला- सौगंध है, बदला लेंगे

गुर्गा : हेलो, कौन अजीत, कहां हो, जेल से ट्रांसफर कर दिया। (अजीत धौलपुर जेल में बंद है। अजीत मुकेश ठाकुर गैंग का है।)

अजीत : हां, अजीत, धौलपुर जेल में ही हूं।

गुर्गा : और बाकी साथी कहां है ?

अजीत : रामदत्त, रामहरी, मोहनी जाट, कल्ला सारे हैं।

गुर्गा : सब फोन चला रहे। जेल में धुआंधार फोन चल रहे हैं क्या ?

अजीत : हां खूब चल रहे हैं।

गुर्गा : भेड़ा (जगन गुर्जर, चंबल का कुख्यात डकैत) कहां है ?

अजीत : 5 नंबर बैरक में है।

गुर्गा : बैंक डकैती केस में कौन-कौन थे?

अजीत : मेरे साथ मोहनी, रामहरी तीनों थे।

गुर्गा : मुकेश ठाकुर भी था क्या?

अजीत : नहीं, मुकेश बैंक लूट में नहीं था। पुलिस ने झूठा केस लगाया।

गुर्गा : तुझ पर कितने केस झूठे लगे हैं ?

अजीत : राजस्थान के केस सही हैं। UP पुलिस ने 5 केस झूठे लगाए।

गुर्गा : तुझ पर कितना इनाम था?

अजीत : आगरा से 75 हजार और धौलपुर से 15 हजार का इनाम था।

गुर्गा : मुकेश की मौत का बदला कैसे लेंगे?

अजीत : उसे गलत मारा है, डोकरा की सौगंध बदला लेंगे।

डकैत मुकेश ठाकुर का 30 अगस्त को एनकाउंटर हो चुका है। एनकाउंटर को लेकर उत्तरप्रदेश पुलिस पर कई बार सवाल उठ चुके हैं।
डकैत मुकेश ठाकुर का 30 अगस्त को एनकाउंटर हो चुका है। एनकाउंटर को लेकर उत्तरप्रदेश पुलिस पर कई बार सवाल उठ चुके हैं।

दाेबारा अजीत से बातचीत हुई।

गुर्गा : मुकेश की मुखबिरी किसने की?

अजीत : एक जीतू था और भी कई थे।

गुर्गा : उसका सामान (हथियार) कहां रखते थे?

अजीत : आगरा वाले अजय के पास रखते थे।

गुर्गा : वो कहां से सामान उठाता है?

अजीत : भाभी से लाता है। एके 47 लाने के दावे करता है।

गुर्गा : एनकांउटर के दिन मुकेश से बात हुई थी?

अजीत : नहीं हुई थी। पेशी पर था।

गुर्गा : रामदत्त से कैसे बात होगी?

अजीत : सुबह बता दूंगा।

गुर्गा : लुक्का कहां है?

अजीत : वो हाई सिक्योरिटी जेल में है। उसके भाई के नंबर है।

गुर्गा : मेरे नंबर दे देना।

अजीत : लुक्का बोला था, दादा को गलत मारा है, बदला लेंगे।

डकैत जगन गुर्जर अभी धौलपुर जेल में ही बंद है। वह भी जेल में बैठे-बैठे अपने गुर्गों से बातचीत कर गैंग ऑपरेट करता है।
डकैत जगन गुर्जर अभी धौलपुर जेल में ही बंद है। वह भी जेल में बैठे-बैठे अपने गुर्गों से बातचीत कर गैंग ऑपरेट करता है।

डकैत 2 : बोला- मेरा एनकाउंटर करने वाले थे, पैर में गोली मारी

रामहरी : हैलो! (रामहरी भी जेल में बंद है और डकैतों की एक पुरानी गैंग से संबंध रखता है। इसकी बातचीत भी मुकेश ठाकुर गैंग के सदस्यों से हुई है।)

गुर्गा : कौन?

रामहरी : मैं, दादा, रामहरी

गुर्गा : तुझे कहां से पकड़ा था?

रामहरी : बलबीर ने मुखबिरी कर बामोर से पकड़ाया था।

गुर्गा : कैसे आया था?

रामहरी : मुंबई से बस में आया था। बस स्टैंड पर बुलाया था। फिर बामोर में नाले में छुप गया था।

गुर्गा : तुझे कब पकड़ा था?

रामहरी : रात को 2 बजे पकड़ा था, सुबह 4 बजे जगनेर थाने में लाए। पूरे दिन और रात रखा। अगले दिन सुबह 4 बजे सुनसान जगह ले जाकर पैरों में गोली मार दी।

गुर्गा : मुकेश के साथ कैसे किया?

रामहरी : पकड़ कर मुकेश को मारा है। आंख पर पट्‌टी बांधते हैं। मेरा भी एनकाउंटर कर रहे थे।

गुर्गा : तेरा भी कर रहे थे एनकाउंटर? कैसे बचा?

रामहरी : मेरे पैर में गोली मार दी। SP और CO ने बचा लिया था।

गुर्गा : मुकेश के परिवार का क्या होगा?

रामहरी : एक बच्चा है। कसम है, दादा का बदला लेंगे। नहीं मानेंगे।

गुर्गा : और कौन हैं जेल में? फौजी कहां है?

रामहरी : अविनाश फौजी गुजरात है। वो आ जाए तो कोई दिक्क्त नहीं।

गुर्गा : मुकेश की मुखबिरी किसने की?

रामहरी : उसकी मुखबिरी की थी। हमें पता है।

केशव गुर्जर अभी फरार चल रहा है। इस पर सवा लाख रुपए का इनाम है।
केशव गुर्जर अभी फरार चल रहा है। इस पर सवा लाख रुपए का इनाम है।

एक ही जेल में विरोधी गैंग के लोग
धौलपुुर में इन दिनों जगन गुर्जर और मुकेश ठाकुर गैंग का वर्चस्व बना हुआ है। हालांकि, मुकेश ठाकुर का एनकाउंटर हो चुका है। उसके गुर्गे जेल से ही गैंग को ऑपरेट कर रहे हैं। मुकेश ठाकुर के एनकाउंटर के बाद से धौलपुर जेल काफी सुर्खियों में हैं। जेल में कुख्यात बदमाश जगन गुर्जर के अलावा मुकेश गैंग के रामदत्त, रामहरी, मोहनी जाट, अजीत ठाकुर बंद है। दोनों गैंग के बीच में कड़ी दुश्मनी है। इसके अलावा केशव गैंग का मुखिया केशव भी फरार चल रहा है।

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