MP: बिजली का बिल न देने वालों में मंत्री, SP, कलेक्टर के बंगले समेत डॉक्टर-वकील भी शामिल, मंत्री जी पर 84 हजार का बिल बकाया

मध्य प्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर 84,388 रुपए का बिल बकाया है. वहीं उनके छोटे भाई गुलाब सिंह पर 34,667 रुपए का बिल बकाया है.

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में जिला कलेक्टर, एसपी कार्यालय से लेकर प्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ( Minister Govind Singh Rajput) और सागर शहर के कई रसूखदारों ने बिजली का बिल नहीं भरा है (Electricity Bill Defaulters). कई बार गुजारिश करने के बाद भी बिल का भुगतान नहीं किया गया तो बिजली विभाग (Electricity Department) ने बकायादारों की सूची सार्वजनिक कर दी है. इस लिस्ट में सबसे ऊपर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का नाम है, जिन पर 84,388 रुपए का बिल बकाया है.

जिसमें बिजली का बिल न भरने वालों में प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत उनके भाई सागर के पूर्व अध्यक्ष गुलाब सिंह राजपूत और जिला कलेक्टर के बंगले का बिजली बिल भी बकाया है. विभाग के मुताबिक गोविंद सिंह राजपूत पर बिजली का करीब 84,388 रुपए का बिल बकाया है, इसलिए उन्हें इस सूची में टॉप पर रखा गया है.

लिस्ट में मंत्री के भाई 5वें स्थान पर

मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के भाई गुलाब सिंह इस लिस्ट में 5वें स्थान पर हैं. उनपर 34,667 रुपए का बकाया है. बिजली विभाग ने यह सूची अपने कार्यालय में भी चस्पा कर दी है और बड़े बकायदारों को सूचना भी भेज दी है. विभाग के मुताबिक कलेक्टर के बंगले पर 11,445 रुपए, कैंट के सीईओ पर 24,700 रुपए, पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर 23,428 रुपए का उधार है.

बिल न भरने की स्थिति में काटा जाएगा बिजली कनेक्शन

इसके अलावा वकीलचंद गुप्ता को 40,209 रुपए बिजली विभाग को देने हैं. सूर्यांश सुशील तिवारी को 27,073 रुपए तथा एसएएफ 16 बटालियन के कार्यालय को 18,650 रुपए बिजली का बिल अभी चुकाना है. विद्य़ुत विभाग के डीई का कहना है कि 67 हजार से ज्यादा उपभोक्ता बिजली का बिल जमा कर चुके हैं. बड़े बकायादारों को फोन और मैसेज के जरिए सूचना दी जा चुकी है. बिल न भरने की स्थिति में कंपनी इन लोगों के बिजली कनेक्शन भी काट सकती है.

वहीं करीब तीन महीने पहले ऊर्जा मंत्री ने बताया था कि ग्वालियर-चंबल अंचल में सबसे ज्यादा बिजली चोरी हो रही है. तब बताया गया था कि अंचल में 12 करोड़ यूनिट बिजली हर माह की खपत है. जिसमें 7.50 करोड़ यूनिट सीधे तौर पर चोरी की जा रही है. यानि कि अंचल के 70 फीसदी लोग बिजली चोरी कर रहे हैं.

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