सीएम हेल्पलाइन के प्रकरण निपटाने में पिछड़ा इंदौर, MP में छठे से बारहवें स्थान पर पहुंचा
इंदौर कलेक्टर मनीषसिंह ने सोमवार को सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों की समीक्षा के दौरान कुछ विभागों के प्रदर्शन पर चिंता जाहिर की।
इंदौर । विभिन्न विभागों से जुड़ी आम आदमी की समस्याओं और शिकायतों के निराकरण के लिए सरकार की सीएम हेल्पलाइन सेवा बड़ा मंच है, लेकिन सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज प्रकरण निपटाने में इंदौर पिछड़ गया है। पिछले महीने इंदौर प्रदेश में छठे नंबर पर था, लेकिन दिसंबर में वह और नीचे खिसककर बारहवें नंबर पर आ गया है। प्रशासन की समीक्षा में आया है कि सौ दिन से अधिक समय से लंबित 1300 आवेदन हैं। इनमें से अकेले 350 शिकायतें पुलिस से जुड़ी हैं। इन शिकायतों में लोगों के साथ भूखंड और पैसे की धोखाधड़ी के अलावा प्रताड़ना के केस शामिल हैं।
इसके अलावा शासकीय हितग्राहियों योजनाओं के कई आवेदन बैंकों में भी लंबित हैं। इनकी संख्या लगभग 220 है, जिनमें स्व रोजगार, पीएम और सीएम स्वनिधि योजना सहित अन्य योजनाओं के प्रकरण हैं। स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा और श्रम विभाग के भी लगभग 45 प्रकरण लंबित हैं। सौ दिन से अधिक समय से लंबित कई शिकायतें सीएम हेल्पलाइन के पोर्टल पर एल-4 (स्तर-4) पर पहुंच चुकी हैं।
पिछड़ा वर्ग की छात्रवृत्ति के 2500 आवेदन लंबित
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में छात्रवृत्ति के लगभग 2500 आवेदन लंबित पाए गए। इसे लेकर पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थी लगातार शिकायतें कर रहे हैं। कलेक्टर कार्यालय में समय-सीमा के प्रकरणों की बैठक में विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छात्रवृत्ति के लिए शासन स्तर से पर्याप्त राशि नहीं आ पा रही है। इस कारण कई आवेदन लंबित हो गए हैं। संभावना है कि जनवरी तक राशि आएगी तो सभी छात्रों को छात्रवृत्ति मिल जाएगी।
महूगांव नगर परिषद में संबल योजना के तहत एक शिकायत लंबित पाए जाने के कारण कलेक्टर ने जिला शहरी विकास अधिकरण के परियोजना अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। देपालपुर में पाइपलाइन के लिए खोदी गई सड़क न बनने से आम जनता परेशान हाे रही है। इस शिकायत पर भी कलेक्टर ने देपालपुर नगर परिषद के तत्कालीन सीएमओ चंद्रशेखर सोनिश को नोटिस जारी करने के लिए कहा।