शिवराज को भा गई ACP सचिन की फिटनेस! ….. CM ने पुलिसकर्मियों को सलाह- IPS अतुलकर की तरह फिट रहकर आइडियल बनें
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा- पुलिसकर्मियों के लिए फिटनेस जरूरी है। उन्होंने बैठक में भोपाल के एडिशनल पुलिस कमिश्नर सचिन अतुलकर का उदाहरण देते हुए कहा- पुलिसकर्मियों को सचिन की तरह आइडियल बनना चाहिए। अकसर देखने को मिलता है कि पुलिस अफसर भी फिटनेस पर ध्यान नहीं देते। उन्हें काम के साथ सेहत पर भी फोकस करना चाहिए।
आईपीएस अतुलकर को पुलिसिंग के अलावा स्पोर्ट्स और बॉडी बिल्डिंग का खासा शौक है। फिटनेस की तस्वीरें वह सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करते रहते हैं। सचिन खुद को फिट रखने के लिए योग और जिम दोनों का सहारा लेते हैं।
सचिन हर दिन करीब दो घंटे एक्सरसाइज करते हैं। इस दौरान वे जिम में पसीना बहाने के साथ योग भी करते हैं। सचिन अतुलकर शिवभक्त माने जाते हैं। सचिन 2018 में आयोजित IPS मीट के दौरान बाहुबली बनकर सामने आए थे। उन्होंने बाहुबली स्टाइल में शिवलिंग भी उठाया था।
कबाड़ का अड्डा बने रहते हैं थाने: मुख्यमंत्री
थानों में जब्ती वाले वाहनों के सालों से पड़े रहने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि थाने कबाड़ का अड्डा बने रहते हैं। इस दौरान सीएम को बताया गया कि कोर्ट में मामले पेंडिंग होने के कारण वाहनों का डिस्पोजल नहीं हो पाता। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोर्ट से समन्वय बनाएं। उन्होंने कहा कि आम जनता का विश्वास पुलिस में जबर्दस्त होना चाहिए। इससे हमें अपराधियों का भी पता चलेगा और जनता का मनोबल बढ़ेगा।
बच्चों व महिलाओं के प्रति अपराध रोकें
मुख्यमंत्री ने कहा कि साइबर क्राइम, ड्रग्स, नक्सलवाद, बच्चों महिलाओं के प्रति हो रहे अपराध रोकने की प्राथमिकता होना चाहिए। ई ऑफिस, आईटी दक्षता, महिला ऊर्जा डेस्क, साइबर सुरक्षा, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल जैसे विषयों पर गंभीरता से चर्चा कर रणनीति बनाई जाए। धर्मांतरण की गतिविधियां हो रही हैं। प्रदेश में ऐसी साजिश एनजीओ की आड़ में चल रही है। इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने किए ACS होम – DGP से सवाल
बैठक में मुख्यमंत्री ने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा और डीजीपी विवेक जौहरी से सीधे सवाल किए। उन्होंने पूछा- सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स इंडेक्स में जिले की रैंकिंग क्यों नहीं हुई? PHQ में पदस्थ IPS अफसर कितने मैदानी दौरे करते हैं? मैदानी अफसरों की कानून संबंधी ट्रेनिंग कब से नहीं हुई? इन सवालों पर दोनों अफसरों ने जवाब में ज्यादा कुछ नहीं कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून संबंधी ट्रेनिंग पर ध्यान दें। हमें महिला और बच्चों के प्रति अपराध खत्म करना है।
अफसरों की जांच में देरी पर नाराजगी
शिवराज ने अफसरों पर चल रही जांच में देरी को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि कई अधिकारी तो इसी में लगे रहते हैं कि जांच टल जाए, रुक जाए या देरी हो जाए। अधिकारी रिटायर हो जाएं, इसके बाद कर लेना, ये सब नहीं चलेगा। सभी जांचें समय पर हों और उचित कार्रवाई हो। विभाग का डिजिटाइजेशन जल्दी हो, आईटी विभाग प्रस्ताव बनाए, सामान्य प्रशासन विभाग के काम में देरी हो रही है।
जीएडी ACS से पूछा- मंत्रालय में सरप्राइज विजिट करते हैं?
सामान्य प्रशासन विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार से पूछा- मंत्रालय में सरप्राइज विजिट करते हैं? मंत्रालय में फाइल की पेंडेंसी पता लगाने का क्या मैकेनिज्म है? औसतन फाइल कितने दिन में पूरी हो जाती है? मैदानी स्तर के अधिकारी की टूर डायरी बन रही है या नहीं? रात्रि विश्राम का क्या स्टेटस है? सीएम ने कहा- विभागों के पीएस व एसीएस अपने अधीनस्थों की अलमारी चेक कर रहे हैं या यह प्रथा बंद हो गई है? कितनी फ़ाइल वहां पेंडिंग हैं, पता लगा रहे हैं या नहीं, इस प्रथा को बनाए रखना है। यह आपका काम है और जरूरी भी है।