राजस्थान: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती के बाद हरकत में आई सरकार

अजमेर  ..  नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती के बाद अब राज्य सरकार हरकत में आई है. ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर एन जी टी के सख्त रुख को देखते हुए राज्य सरकार ने पूरी योजना की क्रियान्विति का जिम्मा स्थानीय कलेक्टर्स को सौंपा है. अजमेर में स्थानीय निकायों की लापरवाही के चलते हुए एन जी टी को संतुष्ट करने के लिए कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने स्थानीय निकायों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. नतीजा अब अजमेर जिले की लगभग सभी स्थानीय निकायों ने ना केवल कार्य योजना पर अमल करना शुरू कर दिया है बल्कि स्थानीय निकायों को कचरे के सेग्रीगेशन और निस्तारण के लिए जमीनों के आवंटन का कार्य भी अंतिम चरणों में है.

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा लम्बे समय से स्थानीय निकायों को ठोस कचरा प्रबंधन के लिए नीति निर्धारण और अन्य व्यवस्थाओं के निर्देश जारी किए गए थे. यह अलग बात है की ट्रिब्यूनल के निर्देशों को स्थानीय निकायों द्वारा गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था. इन निर्देशों की अवेह्लना के चलते अजमेर जैसी आस्थाओं और पर्यटन नगरी भी कचरे के ढेर में तब्दील होती नजर आने लगी थी. नतीजा यह हुआ कि नेशन ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा कार्ययोजना के लिए 18 बिंदु जारी करने के साथ ही ठोस कचरा प्रबंधन की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा को सौंपी गयी.

अजमेर में ठोस कचरा प्रबंधन की जरूरत को महसूस करते हुए ही जिले के पुष्कर कस्बे को मॉडल टाउन के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया. जिम्मेदारी मिलने के साथ ही जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने ठोस कचरा प्रबंधन के काम को गति देना शुरू कर दिया है. नसीराबाद को छोड़ कर अजमेर जिले की हर स्थानीय निकाय को ठोस कचरा प्रबंधन के लिए आवश्यक जमीन का आवंटन कर दिया गया है. साथ ही कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने आगामी बैठक से पूर्व सभी स्थानीय निकायों को अपनी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश भी दिए है.

कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने एन जी टी के निर्देशों के अनुरूप संचार और समाचार माध्यमों का सहयोग लेकर जनजागरूकता के निर्देश भी जारी किए हैं. साथ ही घर घर कचरा संग्रहण को ज्यादा प्रभावी बनाने के निर्देश भी कलेक्टर स्तर पर जारी किए जाने से अजमेर नगर निगम सहित नगर परिषदों और नगर पालिकाओं के कामों में तेजी आयी है. इस काम में आमजनता से सहयोग लेने के साथ ही स्थानीय वार्ड पार्षदों का सहयोग भी लिया जाएगा. ठोस कचरा प्रबंध को लेकर जिस तरह से अजमेर कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने तेजी दिखाई है वो इशारा कर रही है कि आने वाले समय में अजमेर इस मामले में एक नई नजीर पेश करेगा.

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